तो इस बार प्रभु श्रीराम नहीं जाएंगे वनवास, सम्‍भल में रामलीला मंचन को लेकर असमंजस, गाइड लाइन का इंतजार

कोरोना काल में लोगों का कारोबार चौपट हो गया है। रामलीला आयोजक मंडल को आर्थिक सहयोग जुटाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक धार्मिक आयोजनों में 100 लोगों की ही मौजूदगी की छूट है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 02:40 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 02:40 PM (IST)
तो इस बार प्रभु श्रीराम नहीं जाएंगे वनवास, सम्‍भल में रामलीला मंचन को लेकर असमंजस, गाइड लाइन का इंतजार
सम्‍भल में रामलीला मंचन को लेकर असमंजस।

सम्‍भल, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते आस्था का केंद्र कहे जाने वाली रामलीला पर इस बार आंशकाओं के बादल छाए हुए हैं। शारदीय नवरात्रि की भक्ति के बीच होने वाली रामलीला पर भी कोरोना संकट की लीला भारी पड़ती दिख रही है। अक्टूबर में होने वाली रामलीला भी रामभरोसे है। रोजाना बढ़ते संक्रमण के मामलों के चलते असमंजस बरकरार है।

रामलीला आयोजक मंडल से जुड़े लोग बताते हैं कि सावन मास से ही तैयारियों का सिलसिला शुरू हो जाता है, लेकिन कोराना के कारण अब तक रामलीला समितियों की बैठक नहीं हो पाई है। आयोजन की संभावना कम ही है । कोरोना काल के दौर में रामलीला के मंचन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आयोजक तय नहीं कर पा रहे हैं कि क्या करें, क्या न करें प्रशासन की अनुमति पर संशय होने से रामलीला के आयोजन पर कोरोना की तलवार लटक रही है। रामलीला का मंचन देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं। वर्तमान हालातों को देखते हुए वह आने से कतराएंगे । बाहर से आने वाले कलाकार भी ऐसी स्थिति में आने से कतरा रहे हैं। कोरोना के इस दौर में पहले भी धार्मिक व राष्ट्रीय त्योहारों पर भी कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए। कोविड-19 वैश्विक महामारी ने आर्थिक प्रबंधन का भी संकट रामलीला आयोजन समितियों के लिए खड़ा कर दिया है। प्रशासनिक अनुमति और आर्थिक प्रबंधन जैसी अनेक समस्याओं को कोरोना वायरस ने जन्म दे दिया है। कोरोना काल में लोगों का कारोबार चौपट हो गया है। जिस कारण आयोजक मंडल को आर्थिक सहयोग जुटाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक धार्मिक आयोजनों में 100 लोगों की ही मौजूदगी की छूट है। आयोजक मंडल के लोग दर्शकों का दायरा बढ़ने की उम्मीद किए हैं। अगर शासन की ओर से धार्मिक आयोजनों पर 100 से अधिक लोगों की छूट दी गई तो कुछ रामलीला आयोजन को लेकर बात बन सकती है। शारीरक दूरी का पालन कराना फिर भी इतना आसान नहीं है।

सरकार की गाइड लाइन का इंतजार है यदि अनुमति मिलती है तो रामलीला का मंचन किया जाएगा। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए रामलीला संपन्न कराई जाएगी । अभी तक सरकार के आदेश का इंतजार है।तरुण यादव, अध्यक्ष श्री रामलीला कमेटी भकरौली

रामलीला का मंचन 15 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। पांच तारीख को झंडी पूजन है। सरकार की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा यदि आयोजन में भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं मिलती है तो रामलीला का लाइव टेलीकास्ट दर्शकों के लिए किया जाएगा।

मुकेश कुशवाह, अध्यक्ष श्री शिव मंदिर रामलीला कमेटी गवां

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