मुरादाबाद के ये 100 परिवार के लोग सड़क पर नहीं निकल पा रहे, घर में हो गए हैं कैद, जानें इसकी वजह

Mud and Waterlogging on Roads of Moradabad एक तरफ स्मार्ट सिटी को लेकर हम सपनों की उड़ान भर रहे हैं दूसरी तरफ लोग आज भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। वार्ड सात के चक्कर की मिलक में भूमिगत नाला निकासी बंद हो चुकी है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 01:35 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 01:35 PM (IST)
मुरादाबाद के ये 100 परिवार के लोग सड़क पर नहीं निकल पा रहे, घर में हो गए हैं कैद, जानें इसकी वजह
वार्ड सात में चक्की की मिलक की चार गलियों में एक फीट तक कीचड़ जमा

मुरादाबाद, जेएनएन। Mud and Waterlogging on Roads of Moradabad : एक तरफ स्मार्ट सिटी को लेकर हम सपनों की उड़ान भर रहे हैं, दूसरी तरफ लोग आज भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। वार्ड सात के चक्कर की मिलक में भूमिगत नाला निकासी बंद हो चुकी है। जिससे बीते तीन महीने से जलभराव, कीचड़, दुर्गंध झेल रहे हैं। यह हाल तब है, जब संचारी रोग अभियान के तहत हर वार्ड, गली और घर के पास में सफाई के दावे किए गए। लेकिन, सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता। अब पैर रखने तक की जगह कीचड़ से दलदल बनी सड़क में नहीं हैं।

वर्ष 2014 में बनी सीसी टाइल्स के ऊपर अब करीब एक-एक फीट तक कीचड़ जमा होने के साथ ही नालियां उफना रही हैं। पैर कीचड़ में धंस रहे हैं। बच्चों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। लेकिन, नगर निगम की नजर इधर अभी तक नहीं गई। चक्कर की मिलक की पांच गलियों में करीब 100 परिवार रहते हैं। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सुनवाई नगर निगम में नहीं हो रही है। इसका कारण अवंतिका कालोनी तिकोनिया पार्क से जाने वाला भूमिगत नाला क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस क्षतिग्रस्त नाले का पानी बैक मारने से चक्कर की मिलक की गलियों में घुस रहा है। यही नहीं चक्कर की मिलक के बराबर में भूमिगत नाला एक निजी कालोनी से होकर जाता है। इसमें छह फिट भराव होने के कारण नाला दब गया है। लेकिन, निजी कालोनी में मिट्टी भराव से पहले भी क्षतिग्रस्त नाले से निकासी नहीं हो रही थी।

आइजी निवास के पीछे की गलियों में कीचड़ व जलभरावः चक्कर की मिलक के पास आइजी निवास के पीछे की गली में भी बिना बारिश के कीचड़ व जलभराव हो रहा है। जरा सी बूंदाबांदी होने से ही दलदल जैसी स्थिति हो जाती है। आसपास पुलिस, जजेज कालोनी भी है लेकिन, बराबर में आर्थिक रूप से कमजोर के घरों के सामने कीचड़, जलभराव है।

अवंतिका कालोनी भी डूबेगीः यह भूमिगत नाला अवंतिका से चक्कर की मिलक से हाेते हुए एक निजी कालोनी में होकर रामगंगा तक जाता है। अभी चक्कर की मिलक में पानी भर रहा है। लेकिन, बारिश होने पर अवंतिका कालोनी में भी जलभराव होगा। लेकिन, नगर निगम ने अभी तक सुध नहीं ली है। स्थानीय निवासी अफसर अली का कहना है कि एक साल से समस्या है। लेकिन, बीते तीन महीने से कीचड़ में चल रहे हैं। नगर निगम से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

सामना ने बताया कि संचारी रोग अभियान के तहत सफाई कर्मचारी यहां पहुंचे ही नहीं। संक्रामक रोगों का खतरा बना हुआ है। नगर निगम के जेई झांकते तक नहीं। आवरी का कहना है कि नगर निगम में कई बार शिकायत की गई। पिछले साल इस नाले को ढूंढना भी मुश्किल हो गया था। अब ढूंए लिया तो पानी निकासी पर कोई ध्यान नहीं। उजमा परवीन ने बताया कि नालियों की सफाई हो गई तो क्षतिग्रस्त भूमिगत नाले से पानी बैक मारकर जलभराव होना तय है। नया नाला बनने से ही समाधान होगा।

सलमा ने बताया कि यह कैसा स्मार्ट सिटी है। हम नरकीय जीवन जी रहे हैं और नगर निगम स्मार्ट सिटी के सपने दिखा रहा है। हम गरीबों की समस्या कोई नहीं सुनता।जहरा का कहना है कि एक साल पहले तक सड़क ठीक थी। सीसी टाइल्स पर चलना आसान था लेकिन, अब तो कीचड़ से टाइल्स ही चमकना बंद हो गई हैं। नगर निगम के मुख्य अभियंता डीसी सचान ने बताया कि इस क्षेत्र की समस्या के संबंध में जेई से जवाब मांगा है। आखिर इतने दिनों से क्षतिग्रस्त नाले की मूल समस्या क्या है। जेई की रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में समस्या का समाधान कराया जाएगा।

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