मुरादाबाद के कुंदरकी में प्रधानों से कमीशन मांगने के आरोपों की होगी जांच, एडीओ पंचायत से मांगी र‍िपोर्ट

Arbitrariness of secretaries जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने इसे लेकर नाराजगी जताते हुए एडीओ पंचायत राजीव कुमार सक्सेना से मामले में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद किसी सक्षम अधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच भी कराई जाएगी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 10:45 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 10:45 AM (IST)
मुरादाबाद के कुंदरकी में प्रधानों से कमीशन मांगने के आरोपों की होगी जांच, एडीओ पंचायत से मांगी र‍िपोर्ट
डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत ने मांगी रिपोर्ट।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Arbitrariness of secretaries : कुंदरकी के प्रधानों ने सचिवों पर 15 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने इसे लेकर नाराजगी जताते हुए एडीओ पंचायत राजीव कुमार सक्सेना से मामले में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद किसी सक्षम अधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच भी कराई जाएगी।

प्रशासकों के कार्यकाल में करोड़ों का घोटाला पकड़ में आने के बाद एडीओ पंचायत और सचिवों पर कार्रवाई के लिए तलवार लटकी है। स्थानीय स्तर पर करीब 80 गांवों की जांच हुई है। इसमें भी 48 सचिवों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। सभी के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा करके उप निदेशक पंचायत को भेजे जा रहे हैं। लेकिन, इसके बाद भी ग्राम पंचायतों में कमीशनखोरी थम नहीं रही है। कुंदरकी ब्लाक के सभागार में ग्राम प्रधानों प्रशिक्षण के दौरान प्रधानों ने सचिवों पर गांव में कार्य के लिए स्वीकृत धनराशि में से 15 प्रतिशत हिस्सा मांगने आरोप लगाया गया। आरोप सुनारी की प्रधान तनवी यादव, गांव जाफरपुर ग्राम फरमूद अली, फतेहपुर खास के प्रधान नाबाबुल, मुहम्मद उवैस आदि ने लगाए हैं। प्रधानों का कहना है कि सचिवों के अलावा अवर अभियंता भी एमवी के नाम पर पांच फीसद धनराशि मांग रहे हैं। प्रधानों ने  इसके विरोध में ब्लाक कुंदरकी में हंगामा भी किया है। शासन से आई टीम के प्रशासकों के कार्यकाल में घपला पकड़ा जाने के बाद हुई फजीहत के बीच सचिवों पर फिर से आरोप लगने को गंभीरता से लिया जा रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने बताया कि प्रधानों के आरोपों को लेकर एडीओ पंचायत से रिपोर्ट मांगी गई है। प्रधान लिखित में शिकायत करते हैं तो पूरी मामले की जांच कराकर कार्रवाई कराई जाएगी। इसके अलावा सचिवों को पहले ही हिदायत दे दी गई कि कोई प्रधान का डोंगल अपने पास नहीं रखेगा।

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