रामपुर में जिस काम के लिए दो जिलाधिकारियों को निलंबित करने के हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश वह आज भी है जारी

Illegal Mining in Kosi River of Ramour कोसी नदी में फिर अवैध खनन होने लगा है। पुलिस अधीक्षक ने खुद कोसी नदी में छापा मारकर अवैध खनन करते पांच लोगों को पकड़ा। जबकि शासन के आदेश पर बसरात में नदियों में खनन पूरी तरह बंद है है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 09:35 AM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 09:35 AM (IST)
रामपुर में जिस काम के लिए दो जिलाधिकारियों को निलंबित करने के हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश वह आज भी है जारी
जांच पड़ताल कराने के बाद पुलिस अधीक्षक ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Illegal Mining in Kosi River of Ramour : कोसी नदी में फिर अवैध खनन होने लगा है। पुलिस अधीक्षक ने खुद कोसी नदी में छापा मारकर अवैध खनन करते पांच लोगों को पकड़ा। जेसीबी और डंपर भी बरामद किए। जबकि, शासन के आदेश पर बसरात में नदियों में खनन पूरी तरह बंद है है, फिर भी यहां खनन हो रहा है। आखिर इसे कौन करा रहा है, इसकी जांच पड़ताल कराने के बाद पुलिस अधीक्षक ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है।

पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने चार दिन पहले खुद छापा मारा था। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद पांचों लोगों को जेल भेज दिया गया। एसपी ने इस मामले की जांच पड़ताल भी कराई। तब पाया गया कि कोसी नदी किनारे अवैध खनन पूरी तरह से अवैध रूप से हो रहा था। बरसात के दिनों में एक जुलाई से 30 सितंबर तक शासन द्वारा नदियों में खनन पर रोक लगाई गई है, लेकिन यहां दिन दहाड़े धड़ल्ले से खनन किया जा रहा था।

इस मामले में जांच-पड़ताल कराने के बाद एसपी ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ को जांच रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें संदिग्ध अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अवैध खनन रोकना खनन अधिकारी की जिम्मेदारी है, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार जिलाधिकारी को है। इसलिए जिलाधिकारी को लिखा गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि इस मामले की अपर जिलाधिकारी से भी जांच कराई जाएगी।

रामपुर में पहले भी अवैध खनन होता रहा है। दिसंबर 2017 में हाईकोर्ट ने रामपुर में तैनात रहे दो जिलाधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए थे। सपा शासनकाल में राजीव रौतेला और राकेश कुमार सिंह रामपुर में जिलाधिकारी रहे थे। अवैध खनन के मामले में दोनों को जिम्मेदार मानते हुए हाईकोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। शासन ने इन्हें निलंबित तो नहीं किया, लेकिन मुरादाबाद के कमिश्नर को जांच सौंप दी थी।

उनकी जांच में जिलाधिकारी तो बच गए, लेकिन खनन अधिकारी समेत कई ठेकेदारों पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद भी अधिकारी अवैध खनन कराने से बाज नहीं आ रहे हैं। एक अधिकारी के बारे में तो पिछले दिनों एक ट्रांसपोर्टर ने वीडियो भी जारी किया, जिसमें वह कह रहा था कि अधिकारी खुद मोटी रकम लेकर खनन के ट्रक चलवा रहे हैं।

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