मुरादाबाद के इस गांव में बुजुर्गों की सीख से ग्रामीणाें ने बनाया सुरक्षा चक्र, नहीं हो सकी कोरोना की एंट्री

Moradabad Coronavirus Second Round News सतर्कता सावधानी और बुजुर्गों की सीख से कोरोना की गांव में नो एंट्री नहीं सकी। इसी तरह शारीरिक दूरी बनाकर अन्य गांव के लोग भी कोरोना को लेकर सावधानी बरतें तो कहीं महामारी की एंट्री नहीं होगी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 04:30 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 04:30 PM (IST)
मुरादाबाद के इस गांव में बुजुर्गों की सीख से ग्रामीणाें ने बनाया सुरक्षा चक्र, नहीं हो सकी कोरोना की एंट्री
मुरादाबाद के इस गांव में बुजुर्गों की सीख से ग्रामीणाें ने बनाया सुरक्षा चक्र, नहीं हो सकी कोरोना की एंट्री

मुरादाबाद, जेएनएन। सतर्कता सावधानी और बुजुर्गों की सीख से कोरोना की गांव में नो एंट्री नहीं सकी। इसी तरह शारीरिक दूरी बनाकर अन्य गांव के लोग भी कोरोना को लेकर सावधानी बरतें तो कहीं महामारी की एंट्री नहीं होगी। जिला मुख्यालय से 36 किलोमीटर दूर ब्लाक छजलैट में कांठ-करनपुर मार्ग पर बसे ग्राम हीरापुर की आबादी लगभग एक हजार है। गांवों में कोरोना संक्रमण क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है। लेकिन, इस गांव के लोगों की सतर्कता और सावधानी ने कोरोना को हरा दिया है।

सावधानी इतनी बरत रहे हैं कि ग्रामीणों ने पड़ोस के गांव से आवाजाही फिलहाल बंद कर रखी है। रिश्तेदारों के घर भी नहीं जा रहे हैं। इस गांव के अधिकतर लोग किसान हैं। खेती करते समय और मजदूरों से भी शारीरिक दूरी बनाकर रखते हैं। पिछले साल में भी कोई कोरोना संक्रमित इस गांव में नहीं मिला था। दूसरी लहर में भी इस गांव का कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है।

ग्रामीण कोरोना से बचाव के लिए प्रतिदिन गर्म पानी पी रहे हैं। काढ़े का भी उपयोग करते हैं। इसके अलावा बाहर आने जाने से भी पूरा परहेज रखते हैं। बस अपने खेतों पर जाकर मजदूरों से शारीरिक दूरी बनाकर अपने गन्ने की खुदाई और गन्ने की बुवाई के कार्य में किसान लगे हुए हैं। गांव के बुजुर्गों ने कोरोना से लोगों को बचाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई है। बुजुर्ग लगातार युवाओं तथा महिलाओं एवं बच्चों को समझाते हैं कि शारीरिक दूरी बनाए रहें। मास्क अवश्य लगाएं।

बुजुर्गों की बड़ी भूमिका से ही गांव कोरोना से मुक्त है। यहां गांव में कोई पंचायत चुनाव के भी कोई कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है। शारीरिक दूरी बनाकर करते हैं खेती कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ग्राम हीरापुर के लोग गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव अपने आप करते हैं। फसलों की देखरेख भी और गन्ने की खुदाई भी शारीरिक दूरी बनाकर करते हैं इसीलिए इस गांव के लोगों ने कोरोना को गांव में नहीं घुस सका है। गेहूं की कटाई हो या गन्ने की खुदाई सभी काम कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक हो रहा है।

किसान अतर सिंह ने बताया कि हमारे परिवार में सभी लोग उठकर सुबह योगा करते हैं। इसके बाद काढ़ा भी पी रहे है। खेत पर खेती का कार्य करने के लिए जाते हैं तो उस समय शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखते हैं। कोरोना संक्रमण इस वैश्विक महामारी है। मास्क लगा कर चलना और एहतियात बरतना सभी के लिए जरूरी है। इसीलिए हमारा गांव कोरोना मुक्त है।

राम सिंह महाराज ने बताया कि अधिकतर ग्रामीण गरम पानी पीते हैं। दूध में हल्दी डालकर उसे पकाकर भी पी लेते हैं। गिलोय का सेवन लगातार करते हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमण काल चल रहा है ।ऐसे में एहतियात बरतना सभी के लिए जरूरी है। इसके अलावा लोगों को भी जागरूक करते हैं। अपने गांव के लोगों को दूसरे गांव में जाने से परहेज करने की सलाह भी देते हैं ।

किसान रतन सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण आसपास के गांव में तेजी से फैल रहा है। हम लोग अपने पूरे परिवार के साथ गिलोय का सेवन करते हैं। काढा भी पीते हैं और जब खेत पर काम करने के लिए जाते हैं तो वहां शारीरिक दूरी बनाकर रहते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण न फैल सके इसीलिए अभी तक हमारा गांव कोरोना मुक्त है।

ग्रामीण हरपाल सिंह ने बताया कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर योगा करते हैं। इसके बाद गर्म पानी से गरारा करते हैं। गर्म पानी ही पीने में इस्तेमाल करते हैं जरूरत महसूस होने पर इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का भी इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे गांव में कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कांठ के चिकित्सा अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह लांबे ने बताया कि ग्राम हीरापुर मैं कोरोना पाजिटिव मरीज नहीं मिला है। परंतु ग्राम हीरापुर बेगमपुर के नाम से दो मई को एक व्यक्ति ने कोरोना की जांच कराई थी। पांच मई को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उसे होम आइसोलेट करा दिया गया था।

उपजिलाधिकारी हिमांशु वर्मा ने बताया कि तहसील कांठ क्षेत्र के 117 गांव की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है। जिसमें 34 गांव ऐसे हैं, उनमें कोरोना पाजिटिव मरीज नहीं है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पाजिटिव लोगों के घरों पर 24 घंटे के अंदर दवाइयों की किट उपलब्ध कराई जा रही है। 

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