जिंदा बेटी की हत्‍या में पिता और पुत्र को हुई थी जेल, सीजेएम कोर्ट में हुए युवती के बयान

आदमपुर पुलिस द्वारा जिस बेटी को मृत घोषित कर पिता पुत्र व दिव्यांग रिश्तेदार को जेल भेजा था। वह बेटी जिंदा निकली। अब पुलिस की फजीहत हो रही है।

By Edited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 12:12 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:12 PM (IST)
जिंदा बेटी की हत्‍या में पिता और पुत्र को हुई थी जेल, सीजेएम कोर्ट में हुए युवती के बयान
जिंदा बेटी की हत्‍या में पिता और पुत्र को हुई थी जेल, सीजेएम कोर्ट में हुए युवती के बयान

अमरोहा, जेएनएन।  आदमपुर पुलिस द्वारा जिस बेटी को मृत घोषित कर पिता पुत्र व दिव्यांग रिश्तेदार को हत्या के जुर्म में जेल भेजा था उस बेटी के 7 अगस्त को जीवित मिलने पर पुलिस ने सोमवार को सीजेएम कोर्ट में बयान दिलाने हेतु पेश किया। कोर्ट में युवती के बयान हो गए हैं बयान लेने के बाद अदालत ने युवती को अगली कार्रवाई हेतु पोक्सो न्यायालय भेज दिया है। उधर आदमपुर पुलिस ने युवती के बयानों का अवलोकन करने हेतु बयान प्राप्त करने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया है।

आदमपुर के प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि सोमवार को बरामद युवती कमलेश के सीजेएम न्यायालय में बयान हो गए हैं। न्यायालय ने अगली कार्रवाई पूरी करने के लिए पोक्सो न्यायालय में युवती को भेज दिया है। उधर अवलोकन करने के लिए पुलिस ने न्यायालय से बयान की कॉपी हासिल करने को प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया है। मंगलवार को अवकाश होने के चलते बुधवार को अवलोकन के लिए बयान की प्रति मिलने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि आदमपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मलकपुर निवासी किसान सुरेश ¨सह की नाबालिग बेटी कमलेश 6 फरवरी, 19 को घर से गायब हो गई थी। आदमपुर पुलिस ने युवती के गायब होने के जुर्म में पहले ग्राम सुल्तानपुर थाना गजरौला निवासी होराम तथा हरफूल को जेल भेजा था इसके बाद विवेचना को नया मोड़ देते हुए कमलेश की हत्या होने की कहानी रच डाली तथा हत्या के जुर्म में उसके पिता सुरेश ¨सह भाई रूपकिशोर तथा गजरौला थाना क्षेत्र के गांव शीशों वाली निवासी दिव्यांग रिश्तेदार देवेंद्र को गिरफ्तार कर उनसे हत्या में प्रयुक्त तमंचा तथा खोखा एवं मृतका के कपड़े बरामद कर 28 दिसंबर, 19 को जेल भेज दिया था। तीनों आरोपित इस समय जेल में बंद है। थाना प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार वर्मा का कहना है कि न्यायालय में बयान होने के बाद जेल में बंद निर्दोष लोगों को रिहा कराने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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