मेडिकल रिपोर्ट में नहीं हुई क‍िशोर के साथ कुकर्म की पुष्टि, डीएम ने द‍िए पूरे मामले में जांच के आदेश

बाल संप्रेक्षण गृह में अमरोहा के किशोर से सामूहिक कुकर्म के आरोप की जांच पुलिस कर रही है। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में कुकर्म की पुष्टि नहीं हुई है। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश द‍िए हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:35 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:35 AM (IST)
मेडिकल रिपोर्ट में नहीं हुई क‍िशोर के साथ कुकर्म की पुष्टि, डीएम ने द‍िए पूरे मामले में जांच के आदेश
सीएम द्वितीय जगमोहन इस पूरे मामले की जांच करेंगे।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। बाल संप्रेक्षण गृह में अमरोहा के किशोर से सामूहिक कुकर्म के आरोप की जांच पुलिस कर रही है। लेकिन, मेडिकल रिपोर्ट में कुकर्म की पुष्टि नहीं हुई है। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश द‍िए हैं। एसीएम द्वितीय जगमोहन इस पूरे मामले की जांच करेंगे।

थाना सिविल लाइंस क्षेत्र में आदर्श कालोनी के सामने समाज कल्याण विभाग के कार्यालय परिसर में बाल संप्रेक्षण गृह है। 24 जुलाई को रात 9:20 बजे अमरोहा का एक बाल अपचारी सहायक अधीक्षक रामप्रताप के पास आया। उसने अपने कक्ष में रहने वाले पांच सह अपचारियों पर कुकर्म करने का आरोप लगाया। सहायक अधीक्षक ने मामले की सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी को दी। कार्रवाई चल रही थी। इस दौरान कुकर्म के शिकार बच्चे का फुफेरे भाई उससे मुलाकात करने के लिए आ गया। उसने अपनी पीड़ा अपने भाई को बता दी। भाई ने बाल अपचारी के पिता को घटना की जानकारी दी। उन्होंने 26 जुलाई को न्यायालय में अर्जी देकर अपने बेटे का मेडिकल कराने की गुहार लगा दी। उसी दिन शाम को कोर्ट का आदेश मिलने पर बाल अपचारी का मेडिकल करा लिया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रिया पटेल ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में किशोर से कुकर्म की पुष्टि नहीं हुई है। मेडिकल रिपोर्ट से अमरोहा कोर्ट को भी अवगत करा दिया जाएगा। पुलिस पांच सह अपचारियों के खिलाफ मुकदमा लिखकर विवेचना कर रही है। जिलाधिकारी ने मामले में मजिस्ट्रेटी जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं। मजिस्ट्रेटी जांच के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी।

श‍िकायततों का निस्तारण करने के लिए आदेश : प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने आइजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण में किसी भी स्तर से कोताही नहीं होनी चाहिए। शिकायतों की जांच का समय से निस्तारण करने के बाद उसकी सूचना शिकायतकर्ता को अवश्य देनी है। यूपी पंचायत राज एक्ट के नियम संख्या-199 में किए गए प्रावधानों के अनुसार ग्राम पंचायतों के की कैशबुकों का निरीक्षण तीन माह में जरूर कर लें। बरसात के मौसम में गांव की गलियों में कूड़ा करकट रहता है। इसके सड़ने की वजह से बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है। पंचायत वार रोस्टर तैयार कराकर गांवों की सफाई व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। सफाई कराने के बाद फोटो भी उपलब्ध कराएं।

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