UP के चर्चित कारतूस घोटाले में अब नौ को होगी सुनवाई, जांच के दौरान चौंकाने वाले सच आए थे सामने
Rampur cartridge scam कारतूस घोटाले में सभी आरोपित जमानत पर छूट चुके हैं। इनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। इन सभी पर शस्त्रागारों से कारतूस खोखा चोरी करने का आरोप है। अब मामले में नौ को सुनवाई होनी है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Rampur cartridge scam : प्रदेश के चर्चित रामपुर कारतूस घोटाले के मुकदमे की सुनवाई गवाह न आने से टल गई। अब अदालत नौ दिसंबर को सुनवाई करेगी। एसटीएफ लखनऊ ने 29 अप्रैल 2010 को कारतूस घोटाले का पर्दाफाश किया था। एसटीएफ की टीम ने ज्वालानगर रेलवे क्रासिंग के पास घोटाले के सूत्रधार पीएसी से सेवानिवृत्त दारोगा यशोदा नंद समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ को तीनों के कब्जे से 1.76 लाख रुपये और ढाई क्विंटल खोखा कारतूस बरामद हुए थे। एसटीएफ ने तीनों के खिलाफ सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
विवेचना के दौरान घोटाले में दूसरे जिलों के आर्मरर के अलावा कुछ सिविलियन के नाम भी सामने आए थे। पुलिस सभी को गैर जिलों से गिरफ्तार कर यहां बी वारंट पर लाई थी। उन्हें जेल भेजा गया था। वर्तमान में सभी आरोपित जमानत पर छूट चुके हैं। इनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। इन सभी पर शस्त्रागारों से कारतूस खोखा चोरी करने का आरोप है। इन कारतूसों को यशोदा नंद खरीदता था। उसकी अब मौत हो चुकी है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम औतार सिंह सैनी ने बताया कि गवाह के न आने पर अदालत ने गवाह मिथलेश कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। अभियोजन निदेशालय को भी पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है।
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