मुरादाबाद मेंं अनोखा निकाह, दूल्हे ने दहेज लेने के बजाय जरूरतमंदों को बांटे कंबल
रहमतनगर गली नंबर-8 निवासी नफीस अहमद सैलून चलाते हैं। मुहल्ले की लड़की से उसका रिश्ता हुआ था। निकाह में दहेज देने के लिए लड़की की मां परेशान घूम रही थी। लड़की की मां रोटी बैंक ऑफ इंडिया के दफ्तर पहुंच गई। वहां से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला।
मुरादाबाद, जेएनएन। रोटी बैंक ऑफ इंडिया ने सर सैयद नगर (करूला) के अब्दुल्ला शादी हाल में अनूठा निकाह कराया। निकाह के बाद दूल्हा नफीस अहमद ने दहेज लेने के बजाय जरूरतमंदों को बुलाकर कंबल बांटे। यह सब उसने दहेज रहित निकाह करने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए किया। रोटी बैंक ने इसी तरह की अन्य शादी कराने की योजना बनाई है।
रहमतनगर गली नंबर-8 निवासी नफीस अहमद सैलून चलाते हैं। मुहल्ले की लड़की से उसका रिश्ता हुआ था। निकाह में दहेज देने के लिए लड़की की मां परेशान घूम रही थी। लड़की की मां रोटी बैंक ऑफ इंडिया के दफ्तर पहुंच गई। वहां से उन्हें दहेज के लिए कोई आश्वासन नहीं मिला। रोटी बैंक से यह प्रस्ताव मिला कि हम शादी का इंतजाम कर देंगे। लेकिन, दूल्हे को दहेज नहीं लेना होगा। इस पर नफीस अहमद को बुलाया गया। नफीस ने कहा कि मैं तो पहले से ही दहेज के लिए मना कर रहा था। बिना वजह दुल्हन की मां परेशान हो रही हैं। दूल्हेे की बात सुनकर दुल्हन की मां के चेहरे पर मुस्कान आ गई। इस पर रोटी बैंक की टीम ने निकाह की जिम्मेदारी ले ली। इसके बाद निकाह की तैयारी हुई। लड़की वालों को कोई दहेज नहीं देना पड़ा। निकाह के बाद दूल्हेे ने दहेज लेने के बजाय जरूररतमंदों को कंबल बांटे। निकाह के इंतजाम में पयामे इंसानियत, रोशन सवेरा सोसायटी, जयंतीपुर विकास समिति, एहसास सेवा संस्थान, ब्रास आर्टिजन सोसायटी ने सहयोग किया। रोटी बैंक ऑफ इंडिया के संस्थापक जावेद अनवर साबरी ने कहा कि इस तरह के आयोजन का मकसद गरीब परिवार की बेटियों के निकाह का रास्ता आसान करना है। दहेज के विरोध में इस शादी से अच्छा संदेश जाएगा। इससे बेटियां निकाह के लिए दर-दर की ठोकर खाने से महफूज हो जाएंगी।