फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आरोपित को बचाने का खेल, संदिग्ध हालात में जल गया कंप्यूटर का मॉनिटर
Fire in municipal computer कार्यालय के मुख्य द्वार बंद हो जाता है इसी गेट पर दुकानदार हैं। यही नहीं मामले की सूचना न तो नगर आयुक्त संजय चौहान को दी गई और पुलिस में एफआइआर भी नहीं कराई गई। इसमें आग लगाकर साक्ष्य मिटाने की आशंका है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Fire in municipal computer : नगर निगम के आउट सोर्सिंग कंप्यूटर आपरेटर के हाथ में वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर जोनल हेल्थ इंस्पेक्टर की लागिन और पासवर्ड रहता है। जांच में एक लड़की का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी रूप से नगर निगम से जारी होने की पुष्टि के बाद और भी इस तरीके के मामले सामने आने की आशंका जताई जा रही है। कारण, जिस कंप्यूटर सिस्टम से डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं, उसी कम्प्यूटर का मानिटर संदिग्ध तरीके से कई दिन पहले जल चुका है। जबकि जिस मेज पर कम्प्यूटर सिस्टम रखा है, उस पर ही प्रिंटर, फाइलें भी रखी थी लेकिन वे सुरक्षित बच गए। जितनी बुरी तरह मानिटर जला है, उससे कमरे में फर्नीचर व फाइलों में आग जरूर लगती। आउट सोर्सिंग कम्प्यूटर आपरेटर को नीचे से ऊपर तक बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
कम्प्यूटर मानिटर के जलने की बावत पूछने पर सफाई दी जा रही है कि एक दिन शाम को सात बजे किसी मानसिक रोगी ने मानिटर में आग लगाई। जिसे आसपास के दुकानदारों ने भागते देखा। लेकिन, इस बात पर कितना विश्वास किया जा सकता है, जब शाम को पांच बजे कार्यालय बंद हो जाता है तो वह कैसे भागा। कार्यालय का मुख्य द्वार बंद हो जाता है, इसी गेट पर दुकानदार हैं। यही नहीं मामले की सूचना न तो नगर आयुक्त संजय चौहान को दी गई और पुलिस में एफआइआर भी नहीं कराई गई। इसमें आग लगाकर साक्ष्य मिटाने की आशंका है। फर्जी प्रमाण पत्र जारी होने से लेकर मानिटर जलने तक की जानकारी नगर आयुक्त संजय चौहान को नहीं दी गई। टाउन हाल स्थित नगर निगम के आयुर्वेदिक अस्पताल में वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी व जोनल हेल्थ इंस्पेक्टर बैठते हैं। जहां नगर निगम के टाउन हाल कार्यालय से जन्म व मृत्यु के प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए भेजा जाता है। सत्यापन के बाद उन पर डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं। मामला नागफनी थाने में प्रेम प्रसंग के मामले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जन्म प्रमाण पत्र में लगाए गए साक्ष्यों की रिपोर्ट थाना पुलिस ने मांगी थी। जिसमें नगर निगम के क्षेत्रीय सफाई इंस्पेक्टर ने लड़की के घर जाकर जांच की तो जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाने की पुष्टि हुई है।
यह मामला गंभीर है। मुझे फर्जी प्रमाण पत्र से लेकर मानिटर जलने तक की सूचना नहीं दी गई है। इसमें एफआइआर का मामला बनता है। फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में संलिप्त कर्मचारी के विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा।
संजय चौहान, नगर आयुक्त
किसी मानसिक रोगी ने शाम सात बजे कंप्यूटर सिस्टम में आग लगाई, जिसे आसपास के दुकानदारों ने भागते हुए देखा था। अभी एफआइआर नहीं कराई गई। फर्जी प्रमाण की पुष्टि होने के बाद निरस्त करने की कार्रवाई चल रही है।
महेश चंद्र वर्मा, जोनल हेल्थ इंस्पेक्टर, नगर निगम