फर्जी मेडिकल के लिए रिश्वत देने की आडियो वायरल, हल्की चोट को गंभीर दिखाने को लेकर हो रही बातचीत
ब मेडिकल के नाम पर भी वसूली के खेल की पोल खुली है। इससे संबंधित आडियो वायरल हुई है जिसमें झगड़े में मामूली घायलों का मेडिकल करते समय कोई खुली चोट न होने के बावजूद गंभीर दिखाकर रेफर करने के लिए रिश्वत देने की बात की जा रही है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। सरकारी अस्पतालों में बाहर की दवाएं लिखने और आपरेशन के नाम पर पैसे लेने के आरोप अक्सर लगते हैं। अब मेडिकल के नाम पर भी वसूली के खेल की पोल खुली है। इससे संबंधित आडियो वायरल हुई है, जिसमें झगड़े में मामूली घायलों का मेडिकल करते समय कोई खुली चोट न होने के बावजूद गंभीर दिखाकर रेफर करने के लिए रिश्वत देने की बात की जा रही है।
यह आडियो रामपुर के आरटीआइ एक्टिविस्ट दानिश खां ने मीडिया को भेजा है। उनके मुताबिक आडियो टांडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित है। आडियो में फोन पर हुई बातचीत की रिकार्डिंग है, जिसमें बिना चोट के घायल को रेफर करने के लिए 12 हजार रुपये देने की बात हो रही है। बातचीत में अस्पताल के दो कर्मचारियों के नाम लेकर संबोधित किया जा रहा है। आरटीआइ एक्टिविस्ट का कहना है कि इस तरह मामूली विवाद में अस्पताल के स्टाफ द्वारा फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने से पुलिस गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लेती है। बाद में यही मेडिकल रिपोर्ट उसके जेल जाने का आधार बनती है। इस तरह के फर्जीवाड़े से बेकसूरों को जेल में डाल दिया जाता है। ऐसा करने वालों पर सख्ती की जानी चाहिए, ताकि निर्दोष लोग जेल न जा सकें। उधर, इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव यादव ने बताया कि वह आडियो की जांच कराएंगे। यदि आरोप सही साबित हुए तो पैसे लेने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।