दागियों को फिर नहीं मिलेगा चुनाव लड़ने का मौका

जागरण संवाददाता मुरादाबाद अगले महीने गांव की सरकार बनाने के लिए मतदान होने की संभावना ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:20 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:20 PM (IST)
दागियों को फिर नहीं मिलेगा चुनाव लड़ने का मौका
दागियों को फिर नहीं मिलेगा चुनाव लड़ने का मौका

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद: अगले महीने गांव की सरकार बनाने के लिए मतदान होने की संभावना है। गांव-गांव चुनावी चौपाल सजने लगी हैं। नए पुराने सभी तरह के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, यह तय है कि केंद्र और राज्य सरकार से विकास के लिए आने वाली धनराशि का गबन करने वाले किसी निवर्तमान प्रधान को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। चुनाव लड़ने के लिए निवर्तमान प्रधानों को पंचायत विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।

मुरादाबाद में वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव के दौरान 588 ग्राम प्रधान पदों के लिए चुनाव हुआ था। चुनाव के बाद चार गांवों को पाकबड़ा और अगवानपुर नगर पंचायत में शामिल किया गया। चार लोगों की प्रधानी बीच में भी खत्म हो गई थी। जिले में 584 ग्राम पंचायतें बाकी रह गई थीं। गांवों की सियासत में एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगने का सिलसिला चुनाव परिणाम आने के जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि जिन निवर्तमान प्रधानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं, उन्हें पंचायत विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। पुलिस जांच कर रही है। आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी। डीएम ने शिकायतों के आधार पर 276 प्रधानों के खिलाफ जांच के आदेश दिए। जिला स्तरीय अधिकारियों को विकास कार्यों और शौचालय में घपलों की जांच करने के बाद 171 प्रधानों के खिलाफ सुबूत मिले। इन सभी को जिला पंचायत राज अधिकारी ने नोटिस देकर अधूरे काम पूरे कराने को कहा। जिला पंचायत राज अधिकारी का दावा है कि 160 प्रधानों ने अधूरे काम पूरे करा दिए। इसके बाद बाकी बचे नौ ग्राम प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया, उनके खिलाफ पुलिस जांच कर रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि दागी प्रधानों को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। निवर्तमान प्रधानों को इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। इसके अलावा सहकारी समितियों से भी निवर्तमान प्रधानों को एनओसी लेनी होगी। मां, बहन और पत्नी बनेंगी प्रत्याशी

दागी निवर्तमान प्रधानों ने एनओसी न मिलने की स्थिति में अपनी मां, बहन और पत्नी को प्रत्याशी बनाने की तैयारी करनी शुरू कर दी है। नौकरों को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी चल रही है। 2015 के चुनाव में भी कुछ लोगों ने नौकरों को चुनाव मैदान में उतारा था।

chat bot
आपका साथी