मुकदमेबाजी में फंसकर रह गई स्वार विधायक की सीट, व‍िकास कार्य प्रभाव‍ित, अब्‍दुल्‍ला आजम चुने गए थे व‍िधायक

रामपुर कीस्वार विधायक की सीट भी मुकदमेबाजी में फंसकर रह गई है। करीब पौने दो साल से न तो यहां कोई विधायक है और न ही चुनाव कराया जा रहा है। इस कारण क्षेत्र में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 12:17 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 04:11 PM (IST)
मुकदमेबाजी में फंसकर रह गई स्वार विधायक की सीट, व‍िकास कार्य प्रभाव‍ित, अब्‍दुल्‍ला आजम चुने गए थे व‍िधायक
कम उम्र में चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।

मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। रामपुर कीस्वार विधायक की सीट भी मुकदमेबाजी में फंसकर रह गई है। करीब पौने दो साल से न तो यहां कोई विधायक है और न ही चुनाव कराया जा रहा है। इस कारण क्षेत्र में विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। स्वार-टांडा विधानसभा सीट से साल 2017 में सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़े थे। चुनाव जीत भी गए लेकिन उनकी उम्र को लेकर विवाद पैदा हो गया। उनके मुकाबले चुनाव लड़े पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कम उम्र में चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।

उन्होंने अपने आरोप को साबित भी कर दिया। इसपर दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला की विधायकी रद कर दी गई। इसके खिलाफ अब्दुल्ला सुप्रीम कोर्ट चले गए, तब से ही कोर्ट में मामला लंबित है। इस कारण चुनाव भी नहीं हो पा रहा है। अब्दुल्ला इसी मामले में जेल भी चले गए। उनके खिलाफ और भी कई मुकदमे हैं। इस कारण करीब सवा साल से सीतापुर जेल में बंद हैं। उनके साथ ही उनके पिता सांसद आजम खां और मां शहर विधायक डा. तजीन फात्मा भी जेल गए। मां तो 10 माह बाद जमानत पर जेल से बाहर आ गईं थीं।

स्वार में कोई विधायक न होने कारण विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। विधायक निधि में धनराशि भी नहीं मिल रही है। इस निधि में हर साल तीन करोड़ रुपये मिलते हैं। इससे विधायक के प्रस्ताव पर क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाते हैं। विधायक निधि में पहली किस्त के डेढ़ करोड़ रुपये मई में तमाम विधानसभा क्षेत्रों के लिए मिले हैंं। लेकिन, स्वार क्षेत्र को यह धनराशि भी नहीं मिल सकी। राज्य मंत्री बल्देव सिंह औलख ने अपने बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में और विधायक राजबाला ने अपने मिलक-शाहबाद क्षेत्र में विकास के प्रस्ताव भी दे दिए। इसी तरह विधान परिषद सदस्य घनश्याम सिंह लोधी ने भी भी प्रस्ताव दे दिए। दूसरी किस्त भी शीघ्र ही मिलने की उम्मीद है। पूर्व मंत्री नवेद मियां का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में भी हमारी ओर से पैरवी की जा रही है। कोरोना महामारी की वजह से अदालती कामकाज भी प्रभावित हुआ है। उम्मीद है कि शीघ्र ही निस्तारण होगा।

आजम खां की ठीक से कराएं देखभाल : समाजवादी पार्टी ने मेदांता अस्पताल में भर्ती सांसद आजम खां की देखभाल करने के लिए परिवार को अनुमति देने की मांग की है। सपाइयों ने इस संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा है। करीब सवा साल से जेल में बंद आजम खां मई माह में कोरना संक्रमित हो गए थे। तब उन्हें सीतापुर जेल से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन पिछले दिनों डाक्टरों ने उन्हें स्वस्थ बताया तो फिर जेल भेज दिया। सोमवार को फिर उनकी तबीयत खराब हो गई। इस पर उन्हें एक बार फिर मेदांता अस्पताल ले जाया गया। सपा कार्यकर्ताओं की कार्यालय पर मीटिंग हुई, जिसमें आजम खां की सेहत के लिए दुआ मांगी गई। बैठक में विचार-विमर्श के बाद जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि सांसद आजम खां का एक फोटाे इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, इसे देखकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के दिल दहल गए। इसी क्रम में सपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की मीटिंग हुई, जिसमें इस बात पर अफसोस जताया गया कि अगर सांसद की तबीयत पहले से ही खराब थी तो फिर उन्हें जेल क्यों ले जाया गया। शासन और प्रशासन की इस कार्रवाई से जनता में रोष है। सपा कार्यकर्ता मांग करते हैं कि आजम खां के परिवार को उनके साथ अस्पताल में रहने और देखभाल करने की अनुमति दी जाए। 

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