शहर के दो नाले टेप न होने से 58 करोड़ रुपये की लागत से बनी एसटीपी फेल

वर्ष 2011-12 में रामगंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने का सपना जल निगम व एलएंडटी कंपनी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:57 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 02:57 AM (IST)
शहर के दो नाले टेप न होने से 58 करोड़ रुपये की लागत से बनी एसटीपी फेल
शहर के दो नाले टेप न होने से 58 करोड़ रुपये की लागत से बनी एसटीपी फेल

मुरादाबाद: वर्ष 2011-12 में रामगंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने का सपना जल निगम व एलएंडटी कंपनी के इंजीनियरों की लापरवाही से पूरा नहीं हो पाएगा। 244 करोड़ रुपये से पुराने शहर में 12 किमी के क्षेत्रफल में सीवर लाइन बिछाने व एसटीपी बनाने पर खर्च किये गए थे। इस रकम में अकेली एसटीपी पर 58 करोड़ रुपये खर्च हुए थे लेकिन, शहर के दो बड़े नाले चक्कर की मिलक और बरबलान के नाले गुलाबबाड़ी में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) से नहीं जुड़ पाएंगे। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा नालों को टेप करने के आदेश पर जल निगम व एलएंडटी कंपनी खरे नहीं उतर रहे हैं। 58 मिलियन लीटर प्रतिदिन पानी शोधित करने की क्षमता वाले इस एसटीपी तक नालों का पानी पहुंचाने के प्रयास सफल नहीं हो पाए। रामगंगा में नालों का जीरो फ्लो होना खटाई में पड़ गया है। जल निगम ने रामगंगा नदी के बहाव को देखकर डिजाइन नहीं बनाई गई। वर्ष 2011-12 में जब डिजाइन बनाई थी तब रामगंगा चक्कर की मिलक से 500 मीटर दूर भोजपुर दिशा में बहती थी लेकिन, अब कटान करके चक्कर की मिलक में आबादी के पास पहुंच गई है। कटान होने से रामगंगा नदी नाले से 12 से 15 फीट नीचे बहने से सीवर लाइन बिछाने को लेकर जल निगम व एलएंडटी के इंजीनियरों की तकनीक धरी रह गई। करीब दो मीटर तक यह सीवर लाइन बिछाने को जगह ही नहीं मिल रही है, लेकिन पानी के भीतर सीवर लाइन को बिछाने से पैर पीछे खींच लिए हैं जबकि लालबाग में रामगंगा नदी आबादी से 500 मीटर पीछे खिसक गई है। जल निगम ने बरबलान में नाले व सीवर लाइन का जमीन से स्तर का प्वाइंट निश्चित किए बिना सीवर लाइन बिछा दी। यहां पर सीवर लाइन नाले से 2.50 मीटर ऊंची है और नाला नीचे पर हैं। जिससे नाले का करीब दो मिलियन लीटर पानी सीवर लाइन से नहीं टेप हो रहा है। इन दोनों नालों का पानी रामगंगा में ही बहेगा।

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