Cartridge Scam : कारतूस घोटाले में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल के बयान दर्ज, 10 अगस्‍त को फ‍िर होगी सुनवाई

रामपुर जिले में 11 साल पहले दर्ज कारतूस घोटाले के मुकदमे में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल के बयान दर्ज हो गए हैं। उनसे जिरह भी शुरू हो गई है। अब इस मामले में 10 अगस्त को सुनवाई होगी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 05:45 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 05:45 PM (IST)
Cartridge Scam : कारतूस घोटाले में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल के बयान दर्ज, 10 अगस्‍त को फ‍िर होगी सुनवाई
11 साल पहले हुआ था कारतूस घोटाले का पर्दाफाश।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रामपुर जिले में 11 साल पहले दर्ज कारतूस घोटाले के मुकदमे में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल के बयान दर्ज हो गए हैं। उनसे जिरह भी शुरू हो गई है। अब इस मामले में 10 अगस्त को सुनवाई होगी।

गौरतलब है कि एसटीएफ लखनऊ ने 29 अप्रैल 2010 को कारतूस घोटाले का पर्दाफाश किया था। एसटीएफ की टीम ने ज्वालानगर रेलवे क्रासिंग के पास घोटाले के सूत्रधार पीएसी से सेवानिवृत्त दारोगा यशोदा नंद को गिरफ्तार किया था। उसके साथ सीआरपीएफ के दो जवान भी पकड़े गए थे। एसटीएफ को तीनों के कब्जे से 1.76 लाख रुपये और ढाई क्विंटल खोखा कारतूस बरामद हुए थे। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की तो घोटाले में दूसरे जिलों के आर्मरर के नाम भी सामने आए। कुछ सिविलियन भी इसमें शामिल थे। पुलिस ने 26 नामों का खुलासा किया। ये सभी गिरफ्तार हुए थे। वर्तमान में सभी आरोपित जमानत पर हैं। इनके खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। इन सभी पर शस्त्रागारों से कारतूस खोखा चोरी करने का आरोप है। इन कारतूसों को यशोदा नंद खरीद लेता था और बाद में उन्हें नक्सलियों को सप्लाई करता था। सभी आरोपितों के खिलाफ स्थानीय न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। कारतूस घोटाले के मुख्य सूत्रधार यशोदानंद का निधन हो चुका है। इस मामले में सुनवाई हुई। एसटीएफ के हेड कांस्टेबल मिथलेश झा बयान दर्ज कराने पहुंचे। उन्होंने बयान दर्ज कराए। इसके बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जिरह की। इस मुकदमे में आरोपितों की ओर से अधिवक्ता विनीत चौधरी, डीके नंदा आदि पैरवी कर रहे हैं। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुमार सौरभ ने बताया कि गवाह से जिरह जारी है। अब 10 अगस्त को फिर जिरह होगी।

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