मुरादाबाद में लाउडस्पीकर उतारने को लेकर हुए विवाद के मामले में मंत्री और विधायक के कोर्ट में बयान दर्ज
Kanth Case of Moradabad कांठ विवाद मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। पेशी के लिए पंचायतीराज मंत्री के साथ ही नगर विधायक पहुंचे। कोर्ट दौरान दोनों जनप्रतिनिधियों के साथ ही अन्य 72 आरोपितों के लिखित बयान दर्ज किए गए। कोर्ट ने नौ दिसंबर की तारीख दी है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Kanth Case of Moradabad : कांठ विवाद मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। पेशी के लिए पंचायतीराज मंत्री के साथ ही नगर विधायक पहुंचे। कोर्ट दौरान दोनों जनप्रतिनिधियों के साथ ही अन्य 72 आरोपितों के लिखित बयान दर्ज किए गए। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए नौ दिसंबर की तारीख दी है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने बताया कि साल 2014 में कांठ के अकबरपुर चेंदरी गांव में मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। इसी मामले को लेकर चार जुलाई 2021 को एक पक्ष ने महापंचायत बुलाई थी।
महापंचायत के दौरान फिर बवाल हो गया था। भीड़ ने पथराव किया तो पुलिस कर्मियों ने लाठी चार्ज कर दिया। रेल यातायात भी घंटों के लिए प्रभावित हो गया था। पथराव और मारपीट में पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के अलावा तमाम लोग चोटिल हो गए थे। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने बवाल पर काबू पाया था। इस मामले में दर्ज तीन एफआइआर में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह, शहर विधायक रितेश गुप्ता समेत 74 भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले में अभियोजन की ओर से सभी 24 गवाहों के बयान दर्ज कराए जा चुके हैं। शासकीय अधिवक्ता मुनीष भटनागर ने बताया कि सोमवार को एमपी-एमएलए पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के साथ ही नगर विधायक रितेश गुप्ता के साथ अन्य भाजपा नेता पेश हुए। कोर्ट में सभी 72 आरोपितों के लिखित बयान दर्ज किए गए। जबकि, दो आरोपितों के बयान अभी शेष रह गए हैं। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए नौ दिसंबर की तारीख दी है।
फांसी के फंदे पर झूलकर युवती ने की आत्महत्या : लगातार बीमार रहने से परेशान युवती सोमवार को फांसी के फंदे में झूलकर आत्महत्या कर ली। फंदे पर लटकता देख स्वजन युवती को उतारकर निजी अस्पताल ले गए। जहां डाक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के हरथला रेलवे स्टेशन रोड निवासी निशा परवीन के चेहरे पर दाग थे। इस वजह से वह तनाव में रहती थी।
भाई शराफत ने बताया कि इसी बात से परेशान होकर उसने कमरे में जाकर फांसी के फंदे में झूल गई। जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आई तो मां ने आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांका तो वह सन्न रह गई। स्वजन आनन-फानन में उसे नीचे उतारकर निजी अस्पताल ले गए। जहां डाक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंप दिया।