Scam of Administrators : घोटाले में 48 सचिव और छह सहायक विकास अधिकारी दोषी, कार्रवाई नहीं

Scam of Administrators प्रशासकों के कार्यकाल से दौरान करोड़ों का गोलमाल करने वाले 48 सचिव और छह सहायक विकास अधिकारी दोषी पाए जाने के बाद भी आराम से नौकरी कर रहे हैं। कार्रवाई के लिए भेजी गई फाइल पंचायत भवन में थमी हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 05:24 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 05:24 PM (IST)
Scam of Administrators : घोटाले में 48 सचिव और छह सहायक विकास अधिकारी दोषी, कार्रवाई नहीं
कार्रवाई के बजाय फाइल पंचायत भवन में जमीं।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Scam of Administrators : प्रशासकों के कार्यकाल से दौरान करोड़ों का गोलमाल करने वाले 48 सचिव और छह सहायक विकास अधिकारी दोषी पाए जाने के बाद भी आराम से नौकरी कर रहे हैं। कार्रवाई के लिए भेजी गई फाइल पंचायत भवन में थमी हैं। जिले के आला अधिकारी भी इसे लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।

25 दिसंबर 2020 के बाद प्रशासकों के पास करीब चार महीने तक कार्यभार रहा। इस दौरान उन्होंने ग्राम निधि से अनाप-शनाप तरीके से धनराशि निकाली गई। शिकायतें मिलने पर डीएम शैलेंद्र सिंह और मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन के आदेश पर प्रशासकों के कार्यकाल के दौरान 60 गांवों के कार्यों की जांच कराई थी। 55 गांव ऐसे मिले, जिनमें सचिवों ने पूरी तरह से ग्राम निधि की लाखों रुपये की धनराशि को निकालकर ठिकाने लगाने में मनमानी की है। इसमें छह ब्लाकों के तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) भी जिम्मेदार हैं। बिलारी के रूस्तमपुर सहसपुर गांव में 8,44,000 रुपये खर्च करके तीन वाटर कूलर लगवा दिए गए। पंचायत भवन अधूरा था। ढकिया नरू गांव में वाटर कूलर के नाम पर तीन लाख 80 हजार रुपये और स्ट्रीट लाइटों पर 26,000 हजार रुपये खर्च हुए हैं। लेकिन, पंचायत भवन अधूरा था। सबसे अधिक धनराशि का दुरुपयोग छजलैट, कुंदरकी और मूंढापांडे ब्लाक में हुआ है। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने इस गोलमाल में छह ब्लाकों के सहायक विकास अधिकारियों और 48 सचिवों को दोषी मानते हुए कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उप निदेशक पंचायत को भेज दी थी। लेकिन, उन्होंने साक्ष्य के साथ रिपोर्ट भेजने के लिए कहकर जांच को वापस कर दिया। इसके चलते अभी तक इस मामले कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। कार्रवाई के लिए गई जांच रिपोर्ट की रिपोर्ट की फाइल पंचायत भवन में दबी हुई है।

मुरादाबाद के दो सचिवों के खिलाफ हो सकती है एफआइआर : शासन के आदेश पर विशेष सचिव, पंचायती राज शाहिद मंजर अब्बास रिजवी की अगुवाई में आइ टीम के प्रशासकों के कार्यकाल में करोड़ों रुपये के घपले की जांच करके रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव को सौंप दी है। 20 गांवों के विकास कार्यों की जांच हुई है। जांच के दौरान दो गांवों पर तैनात सचिवों के खिलाफ एफआइआर कराने की तैयारी चल रही है। बाकी सचिवों को निलंबित किए जाने की कार्रवाई हो सकती है। इतना ही नहीं सचिवों से ही गबन की धनराशि भी वसूली होगी। दो सहायक विकास अधिकारियाें के खिलाफ भी कार्रवाई होनी है। मूंढापांडे और कुंदरकी ब्लाक के गांवों पर प्रशासकों के तौर पर काम करने वाले इस गोलमाल के लिए जिम्मेदार हैं।

इन गांवों में मनमाने तरीके से निकाले करोड़ों रुपये : बिलारी ब्लाक के रूस्तमपुर सहसपुर, ढकिया नरू, थावंला, भिडवारी, मुडिया राजा, मुहम्मद सादिकपुर, उदरनपुर चक उर्फ वीरमपुर, नरायनपुर देवा, पहाड़पुर, जमालपुर, पालनपुर, नगला गूजर, नगलिया शाहपुर, मंगूपुरा, मूंढापांडे विकास खंड के देवापुर मुस्तकम, धतुरा मेघा नगला, खड़कपुर बाजे, डिलारी ब्लाक के फरीदपुर भैंडी, गुतावली, मंसूरपुर, मिर्जापुर करीमुद्दीन, मुस्तफापुर, नखूनका, पीपली उमरपुर, रहटा माफी, सदरपुर, सहसपुरी, कुंदरकी ब्लाक केढकिया जुम्मा, आजमनगर चौपड़ा, असालतनगर बघा, बाकीपुर जटनी, बसेरा खास, गदीपुर, फरीदपुर हमीर, असदपुर, तेवरपट्टी उर्फ काजीपुरा, छजलैट ब्लाक के शेरपुर एतमादपुर, अकबरपुर सिहाली आदि।

साक्ष्य के साथ रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई पर विचार होगा। इसके अलावा शासन में भी जांच लंबित है। शासन से जांच के लिए आइ टीम की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई होती है, यह भी देखा जा रहा है।

एसके सिंह, उप निदेशक (पंचायत) मुरादाबाद

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