Scam in Toilet Construction : लोकायुक्त सचिव ने की शौचालयों की जांच, हो सकती है बड़ी कार्रवाई
Scam in Toilet Construction धनराशि सभी शौचालयों की निकाल ली गई। कुछ सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को भी लाभार्थी बना लिया गया। पात्र लोगों को शौचालय नहीं मिल पाए। पंचायत भवन में आधा पुराना सरिया लगवा दिया गया। स्कूल में काम कराने के नाम पर मोटी रकम निकाली गई।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Scam in Toilet Construction : लोकायुक्त सचिव अनिल कुमार सिंह ने सर्किट हाउस में विकास खंड भगतपुर की ग्राम पंचायत चांदपुर के शौचालयों में गड़बड़ी की जांच की। उन्होंने शिकायतकर्ता भूरे सिंह के बयान दर्ज किए और पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से जानकारी ली। जांच में शिकायतकर्ता ने जांच करने वाले अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे यह लग रहा है कि किसी अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है।
चांदपुर के भूरे सिंह ने 25 नंबर 2019 को शिकायत की थी कि उनके गांव में 289 शौचालयों के लिए धनराशि मिली थी। लेकिन, 100 शौचालय भी नहीं बनाए गए। धनराशि सभी शौचालयों की निकाल ली गई। कुछ सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को भी लाभार्थी बना लिया गया। पात्र लोगों को शौचालय नहीं मिल पाए। पंचायत भवन में आधा पुराना सरिया लगवा दिया गया। स्कूल में काम कराने के नाम पर मोटी रकम निकाली गई। लेकिन, स्कूल में काम उतना नहीं हो पाया। इस मामले में पहली जांच पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह, पीडी यशवंत कुमार ने तत्कालीन पूर्व प्रधान ओमवती को क्लीनचिट दे दी थी। इसके बाद इस मामले की जांच समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह, जिला युवा कल्याण अधिकारी नरेश कुमार चौहान, अवर अभियंता, डीआऱडीए ने स्थलीय जांच करके पूर्व प्रधान को क्लीनचिट दे दी। भूरे सिंह इसके बाद भी शांति से नहीं बैठे। उन्होंने लोकायुक्त से जांच कराने की गुहार लगाई। इसके बाद सचिव लोकायुक्त अनिल कुमार सिंह सर्किट हाउस पहुंच गए। यहां उन्होंने शिकायतकर्ता को बुला लिया। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी और भगतपुर टांडा के एडीओ पंचायत को भी उन्होंने बुला लिया। सचिव लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता के आरोपों के बारे में जानकारी की। बताया जा रहा है कि लोकायुक्त सचिव की जांच से अधिकारी तनाव में हैं। जांच में गड़बड़ी मिलने पर किसी के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। डीपीआरओ ने बताया कि जांच के विषय में अभी तक उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी है। सचिव लोकायुक्त को ही जांच के बाद निर्णय लेना है।