Sawan 2021 : आज से सावन माह की शुरुआत, मंद‍िरों में इंतजाम पूरे, भक्‍तों से भीड़ न लगाने की अपील

आज से सावन का महीना शुरू हो रहा है। इसको लेकर मंदिरों में तैयारी पूरी कर ली गई है। पूरे महीने भगवान शिव की आराधना होगी। सावन के महीने में शिव विवाह होने से भक्‍त विशेष रूप से आराधन करते हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:17 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:17 AM (IST)
Sawan 2021 :  आज से सावन माह की शुरुआत, मंद‍िरों में इंतजाम पूरे, भक्‍तों से भीड़ न लगाने की अपील
मंदिरों में तैयारी पूरी, कोविड-19 के नियमों का पालन करने की अपील।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। आज से सावन का महीना शुरू हो रहा है। इसको लेकर मंदिरों में तैयारी पूरी कर ली गई है। पूरे महीने भगवान शिव की आराधना होगी। सावन के महीने में शिव विवाह होने से भक्‍त विशेष रूप से आराधन करते हैं। कांवड़ यात्रा रद होने से अबकी बार मंदिरों व घरों में शिव की पूजा करेंगे।

सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को है। इसको लेकर मंदिरों में कोविड-19 के नियमों का पालन किया गया है। मंदिरों में शिव भक्तों को कम से कम समय तक भीतर रुकने की अपील की जा रही है। पुरोहित घर पर धूप, दीपक जलाकर मंदिर आने की अपील कर रहे हैं। मंदिरों में सिर्फ जलाभिषेक करें और बाहर जाएं। पुराने शहर के प्राचाीन मंदिरों में चौरासी घंटा, झाड़खंडी मंदिरों में सावन में अधिक भीड़ रहती है। भले कांवड़ नहीं चढ़ाएं लेकिन जलाभिषेक करने को भीड़ जुटेगी। चौरासी घंटा मंदिर पर शिव भक्तों की टोलियां व्यवस्था बनाएंगी। झाड़खंडी मंदिर में भी जलाभिषेक करके तुरंत बाहर जाने की अपील की गई है। खुशहालपुर स्थित ऋण मुक्तेश्वर मंदिर की ओर से भी घर पर ही दीपक व धूप जलाकर पूजा करने की अपील की गई है। मंदिर में सिर्फ जलाभिषेक करें और बिना भीड़ लगाए बाहर जाने की व्यवस्था की जा रही है।

जयति-जयति शनिदेव दयाला, करत सदा भक्तन प्रतिपाला : चन्दौसी के कैथल गेट रामबाग धाम स्थित श्री बाली जी मंदिर परिसर में धूमधाम के साथ शनिदेव भगवान के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया। गुरुवार से यहां विभिन्न धार्मिक आयोजन चल रहे हैं। शनि चालीसा का भी पाठ किया गया। भक्तों ने जयति जयति शनिदेव दयाला, करत सदा भक्तन प्रतिपाला..गाकर भगवान की वंंदना की। इसी के तहत भगवान शनिदेव बाबा की मूर्तियों का नगर में शोभायात्रा निकाली गई। अबीर गुलाल उड़ाकर भक्त गाजे बाजे पर झुम रहे थे। मंदिर को फूलों से सजाया गया था। 

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