मुरादाबाद में कोरोना महामारी में लाेगाें के लिए संजीवनी बनी डायलिसिस, जानिए कितने राेगियाें की बची जान

कोरोना महामारी में जहां अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के सिवा दूसरे मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा है। लेकिन जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट में गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। लेकिन डायलिसिस से पहले उनकी कोविड रिपोर्ट कराई गई।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:30 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:30 PM (IST)
मुरादाबाद में कोरोना महामारी में लाेगाें के लिए संजीवनी बनी डायलिसिस, जानिए कितने राेगियाें की बची जान
मुरादाबाद में कोरोना महामारी में लाेगाें के लिए संजीवनी बनी डायलिसिस

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी में जहां अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के सिवा दूसरे मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा है। लेकिन, जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट में गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। लेकिन, डायलिसिस से पहले उनकी कोविड रिपोर्ट कराई गई। इसके बाद उन्हें उपचार दिया गया। हालात ये हैं कि इस वक्त 55 रोगियों को उपचार दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। सुबह से शाम तक स्टाफ के सदस्य भी निरंतर मानवसेवा में जुटे हुए हैं।

डायलिसिस से पहले कोविड रिपोर्ट जरूरी

किडनी रोगियों का शेड्यूल के हिसाब से डायलिसिस जरूरी है। कोरोना महामारी में भी स्टाफ ने भी अपनी ओर से मरीजों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन, मरीजों की डायलिसिस से पहले कोविड रिपोर्ट कराई गई। निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उनका डायलिसिस किया जा रहा है।

माह, डायलिसिस

15 मई 2021, 253

अप्रैल 2021, 520

मार्च 2021, 490

फरवरी 2021, 580

जनवरी 2021, 600

किडनी के राेगियों को परेशान नहीं होने दिया गया है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का कोविड टेस्ट कराने के बाद उनका डायलेसिस कराया गया। उनके खून का भी बंदोबस्त कराया गया। डॉ. कल्पना सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक

कोरोना काल में एक भी डायलिसिस के मरीज को वापस नहीं किया गया है। जनवरी से अब तक लगातार डायलिसिस किए जा रहे हैं। अब हमारे पास 55 लोगों का डायलिसिस हो रहा है। डॉ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल 

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