Sambhal Handicraft Business : हड्डी और सींग से बनी ज्वेलरी की विदेश में काफी डिमांड, खासियत जान आप भी रह जाएंगे हैरान
Sambhal Handicraft Business सरायतरीन के कारीगरों और उद्यमियों ने अपनी मेहनत से 50 वर्ष में खास पहचान बनाई है लेकिन अब चीन से चुनौती मिलने लगी है। वहां की ज्वेलरी के दाम यहां के मुकाबले और भी कम हैं।
मुरादाबाद, संवाद सूत्र। Sambhal Handicraft Business : सम्भल जिले की उपनगरी सरायतरीन का हैंडीक्राफ्ट कारोबार दुनिया भर में जाना जाता है। यहां के कारीगर जानवरों के हड्डी सींग से नई-नई कलाकृतियां बनाकर विदेशी खरीदारों को इस ओर आकर्षित करते हैं। पहले इसकी शुरुआत सींग से बनी कंघी से हुई थी, इसके बाद समय-समय पर कारीगर इसमें परिवर्तन कर समय की मांग के अनुसार नए नए आइटम बनाते रहे। इसी क्रम में हड्डी सींग से विदेशी युवतियों की गले की शोभा बढ़ाने के लिए ज्वेलरी बनाई जा रही है, जिससे उनकी सुंदरता में चार चांद लगे हैं।
ज्वेलरी की मांग कीनिया, वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका के अलावा अन्य देशों में है। यहां की युवतियां गले के हार, कानों के बुंदे, कड़े प्रयोग कर रही हैं। इतना ही नहीं राजस्थान के लोकगीतों में भी इस ज्वेलरी का प्रयोग किया जा रहा है। बेहतरीन क्राफ्ट और कम दाम के चलते दुनिया भर के बड़े स्टोरों में सम्भल में बनी आर्टिफिशियल ज्वेलरी की धूम है। यूएसए की फारएवर-21, वालमार्ट, टारगेट, ट्यूज-डे मार्निंग, टाप शाप, क्लेयर जैसी कंपनियों के रिटेल स्टोरों पर सम्भल की ज्वेलरी चमकती है। यूरोप में प्राइमार्क, मानसून, नैचुरा, जारा, स्पिरिट और साउथ अफ्रीका में केप यूनियन मार्ट के रिटेल स्टोर में भी यह उपलब्ध है। असंगठित होने की वजह से निर्यात के आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अनुमान है कि सरायतरीन की ज्वेलरी का निर्यात लगभग 30 करोड़ रुपये सालाना का है।
सम्भल के सरायतरीन में मेटल बेस पर हड्डी, सींग और सीप के टुकड़ों की सजावट करके सुंदर ज्वेलरी तैयार की जाती है। ज्वेलरी की डिजाइन और निर्माण में नए प्रयोग भी हुए हैं। लकड़ी और प्लास्टिक के साथ रेजन मैटेरियल (केमिकल कंपोनेंट) से आर्टिफिशियल ज्वेलरी अब फैशन वर्ल्ड का हिस्सा है, लेकिन ज्यादा मांग हड्डी, सींग और सीप से तैयार उस ज्वेलरी की है, जिसमें मशीनों का काम कम और हस्तशिल्पियों का काम अधिक होता है।
आर्टीफिशियल ज्वेलरी की चाहत : अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका की नामी स्टोरों में इसकी बिक्री हो रही है। ब्रिटेन में तो रेडीमेड गारमेंट्स की बिक्री के लिए प्रमोशनल प्रोडक्ट के तौर पर यहां की बनी ज्वेलरी दी जाती है। इजराइल, ब्राजील, मैक्सिको, समेत कई देशों में गिफ्ट के तौर पर आदान-प्रदान की जाती है। निर्यातक बताते हैं कि दाम कम और आकर्षक होने की वजह से यहां की ज्वेलरी आम विदेशियों की पसंद बनी हुई है।
विदेशों के लिहाज से काफी सस्ती है ज्वेलरी : आमतौर पर अमेरिका के रिटेल स्टोर्स में 10-20 डालर की आर्टिफिशियल ज्वेलरी का एक सेट खरीदा जाता है। इसमें कड़े, चूड़ियां, अंगूठी, गले का हार शामिल होता है। आकर्षक डिजाइन की चूड़ियों का सेट पांच-10 डालर में बिक जाता है। विदेशों के लिहाज से यह काफी सस्ती है।
हर साल होती है नए डिजाइन की डिमांड : सरायतरीन में बनने वाली आर्टिफिशियल ज्वेलरी में 20 हजार से अधिक डिजाइन हैं, लेकिन प्रचलन में 1000 डिजाइन हैं। ज्वेलरी के कारोबारी ताहिर सलामी ने बताया कि इतना हुनर यहां के कारीगरों में है कि वे विदेशी वायर्स के नमूनों को देखकर बड़ी जल्दी वैसे ही डिजाइन की ज्वेलरी बनाने लग जाते हैं। जो विदेशियों को भाती है।