कोरोना काल में मुरादाबाद में सड़कों की नहीं हो पाई मरम्‍मत, विधायक निधि से बनी सड़कों की हालत खराब

बरसात का मौसम फिर से आने वाला है। लेकिन कोरोना काल में किसी सड़क की मरम्मत नहीं हो पाई है। विधायक निधि से बनी सड़कों की कोई सुध नहीं ले रहा है। गन्ना विभाग की सड़कों की भी मरम्मत का काम नहीं हो सका।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 10:12 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 10:12 AM (IST)
कोरोना काल में मुरादाबाद में सड़कों की नहीं हो पाई मरम्‍मत, विधायक निधि से बनी सड़कों की हालत खराब
ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों की हालत खराब, गड्ढों में भरा पानी।

मुरादाबाद, जेएनएन। बरसात का मौसम फिर से आने वाला है। लेकिन, कोरोना काल में किसी सड़क की मरम्मत नहीं हो पाई है। विधायक निधि से बनी सड़कों की कोई सुध नहीं ले रहा है। गन्ना विभाग की सड़कों की भी मरम्मत का काम नहीं हो सका। काशीपुर रोड से आंवला घाट जाने वाले सड़क से 20 गांव के लोग गुजरते हैं। यह सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। गांव की नालियों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। लेकिन, किसी अधिकारी ने सड़क बनवाने के लिए पहल नहीं की है।

विधायक निधि की सड़कों की मरम्मत हर साल होती है। विधायकों को निधि ही नहीं मिली तो सड़कों की मरम्मत का काम भी नहीं हो सका। इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की हालत खस्ता बनी हुई है। शासन ने इन सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी जिला पंचायत को दी थी। लेकिन, विकास भवन से सूची ही नहीं मिली। इसके चलते कार्ययोजना ही नहीं बन सकी। काशीपुर मार्ग से हमीरपुर गांव में होकर आंवला घाट जाने वाली सड़क का नजारा देखकर ही अंदाजा लग जाता है कि लोक निर्माण विभाग अपनी सड़कों को लेकर कितना संजीदा है। सड़क में इतने गहरे गड्ढे हो गए हैं कि उनसे वाहनों का निकलना मुश्किल है। बरसात के अलावा गांव की नालियों का पानी भी इस सड़क पर बह रहा है। ग्राम हमीरपुर निवासी सलमान, पूर्व प्रधान हुस्न जहां, आजम आदि ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर सड़क की मरम्मत कराने की मांग की थी। शिकायत में कहा है कि 20 गांव के लोग रोजाना इस सड़क के गुजरते हैं। लेकिन, इसके बाद भी किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली। ग्राम पंचायत भी सड़क पीडब्ल्यूडी की बताकर पल्ला झाड़ लेती है लेकिन के गांव का पानी रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात करते हैं। जर्जर सड़कों के बारे में पता कराकर उनकी मरम्मत कराने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। बरसात के बाद सभी सड़कों की मरम्मत का काम शुरू होगा। 

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