शाम को धू-धूकर जलेगा कोरोना रूपी रावण
बुराई पर अच्छाई का प्रतीक रावण दहन रविवार को तीन स्थानों रामलीला लाजपत नगर सिविल लाइंस क्षेत्र में अलग-अलग समय पर होगा। इस बार रावण रूपी कोरोना को फूंकने का संकल्प लेकर रामलीला समितियाें ने तैयारी की है।
मुरादाबाद, जेएनएन। बुराई पर अच्छाई का प्रतीक रावण दहन रविवार को तीन स्थानों रामलीला, लाजपत नगर, सिविल लाइंस क्षेत्र में अलग-अलग समय पर होगा। इस बार रावण रूपी कोरोना को फूंकने का संकल्प लेकर रामलीला समितियाें ने तैयारी की है। रविवार को रावण दहन के दौरान कोरोना संक्रमण सबसे बड़ी चुनौती भीड़ रोकने की है। इसी कारण पिछले सालों से पहले रावण दहन की तैयारी है, जिससे भीड़ कम से कम रहे। लाजपतनगर में शाम सात बजे रावण दहन होगा जबकि पिछले सालों तक रात नौ बजे होता था। शहर की सबसे बड़ी रामलीला का पताका शाम पांच बजे फहराया जाएगा और रात आठ बजे तक रावण दहन कर दिया जाएगा। हर साल लाइनपार में 9.30 बजे कमिश्नर, डीएम रावण दहन का पुतला दहन में पहुंचते थे। सिविल लाइंस में भी रावण दहन के समय में परिवर्तन करके रात 8.30 बजे किया गया है।
सिविल लाइंस दीनदयाल नगर स्थित नेहरू युवा केंद्र में चल रही रामलीला में 700 लोगों के बैठने का सिटिंग प्लान है। यह सीट जिस समय तक फुल हो जाएंगी, उसके बाद गेट बंद कर दिया जाएगा। कोरोना के कारण भीड़ को नियंत्रित की जा सके। लाजपत नगर में भी बार मेला नहीं लगेगा सिर्फ राम-रावण युद्ध के बाद रावण दहन महाराजा अग्रसेन डिग्री कालेज में होगा।
लाइनपार में बिना झांकी के रावण दहन
इस बार कोरोना के कारण रावण लाइनपार के रामलीला मैदान में बिना झांकियां और बैंड के रावण-रावण युद्ध का मंचन होगा। हर बार दो दर्जन झांकियां, छह बैंड होते थे। लाइनपार में रावण का कद भी इस बार सौ फीट की बजाए घटाकर 60 फीट कियाा गया है। रामलीला मैदान के करीब दर्जन गेट हैं। इनमें आठ से दस गेट को ही खोला जाएगा शेष बंद रहेंगे। मेला यहां पर भी नहीं लगेगा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के इंतजाम भी किए गए हैं।