गरीबों को पांच की बजाय चार किलोग्राम बांटते राशन, बाकी करते ब्लैक
पूर्ति विभाग के अफसरों की मिलीभगत से जनपदभर में राशन की कालाबाजारी का खेल चल रहा है। गरीबों के हक पर डीलर भी डाका डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। पांच की बजाय चार किलोग्राम राशन गरीबों को बांटकर बाकी ब्लैक कर देते हैं।
अमरोहा, जेएनएन। पूर्ति विभाग के अफसरों की मिलीभगत से जनपदभर में राशन की कालाबाजारी का खेल चल रहा है। गरीबों के हक पर डीलर भी डाका डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। पांच की बजाय चार किलोग्राम राशन गरीबों को बांटकर बाकी ब्लैक कर देते हैं। शिकायतों के बाद भी पूर्ति विभाग के अफसरों द्वारा उन पर कार्रवाई नहीं की जाती है। इसके चलते ही उनके हौसले बुलंद हैं और कालाबाजारी का सिलसिला जारी है।
कोरोना में लॉकडाउन लगने के बाद से अब सरकार महीने में दो बार अंतोदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को गेहूं व चावल का वितरण करा रही है। अंतोदय कार्डधारक को मुफ्त व पात्रगृहस्थी कार्डधारक को रुपए देकर खाद्यान्न मिल रहा है। सरकार प्रति यूनिट के हिसाब से तीन किलोग्राम गेहूं व दो किलोग्राम चावल कार्डधारक को देती है लेकिन, राशन डीलर इसमें ही गड़बड़ी करते हैं। वह पांच की बजाय चार किलो ग्राम राशन ही गरीबों को देते हैं। इसके बाद जो भी बचता है उसको ब्लैक कर देते हैं। जिसके बारे में तमाम लोग शिकायतें करते हैं लेकिन, जिम्मेदार अफसर सबकुछ हजम कर जाते हैं। जांच के नाम पर केवल कागजी औपचारिकताएं पूरी होती हैं। पिछले दिनों एसडीएम ने ही छापे मारकर कालाबाजारी का खेल पकड़ा था लेकिन, पूर्ति विभाग के अफसरों द्वारा अभी तक ऐसी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। जिससे कालाबाजारी को रोका जा सके।
एसडीएम ने छापा मारकर पकड़ा था कालाबाजारी का गेहूं
उपजिलाधिकारी सदर शशांक चौधरी ने कुछ दिन पहले ही बिजनौर रोड स्थित एक गोदाम पर छापा मारकर कालाबाजारी कर लाया गया गेहूं पकड़ा था। मौके पर 100 क्विंटल गेहूं मिला था। जिसे जब्त कर जोया गोदाम प्रभारी के हवाले कर दिया गया था। इस मामले में तीन लोग गिरफ्तार किए गए थे जबकि चार फरार हैं। जांच में पता चला था कि यह राशन डीलरों ने ब्लैक किया है।
क्या बोले डीएम
बीते कुछ दिनों में राशन की कालाबाजारी को लेकर जनपदभर में कई डीलरों पर कार्रवाई की गई है। पूर्ति विभाग के अफसरों को भी दुकानों के आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दे दिए गए हैं ताकि, सच्चाई का पता चल सके। -उमेश मिश्र, जिलाधिकारी