Rampur Police False Case : सीबीसीआइडी करेगी इंस्पेक्टर समेत सात के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना
Rampur Police False Case आठ साल तक युवक की सिस्टम से लड़ाई चली और अधिकारियों ने आखिर जांच के आदेश दिए थे। कार्यवाहक निरीक्षक ने बताया कि सीबीसीआइडी के निरीक्षक जांच के आधार पर युवक को झूठा फंसाने का मामला दर्ज किया गया।
मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। Rampur Police False Case : रामपुर के बिलासपुर कोतवाली में इंस्पेक्टर, दारोगा, तीन पुलिसकर्मियों समेत सात के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना सीबीसीआइडी करेगी। पुलिस के अनुसार वर्ष 2013 में बिलासपुर कोतवाली में इंस्पेक्टर विमलेश कुमार सिंह और उपनिरीक्षक अमित कुमार मान की तैनाती थी। उस समय ग्वारी गांव विकासखंड गोमतीनगर लखनऊ निवासी संतोष कुमार यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर आर्म्स एक्ट के मुकदमे में जेल भेजा था।
जमानत पर छूटने के बाद आरोपित युवक ने संबंधित मुकदमें को झूठा बताते हुए शिकायत एसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक से की थी। आठ साल तक युवक की सिस्टम से लड़ाई चली और अधिकारियों ने आखिर जांच के आदेश दिए थे। कार्यवाहक निरीक्षक लखपत सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के आदेश पर सीबीसीआईडी के निरीक्षक जगदीश उपाध्याय की जांच के आधार पर युवक को झूठा फंसाने का मामला दर्ज किया गया। सोमवार को दर्ज मुकदमें में इंस्पेक्टर विमलेश कुमार सिंह, उपनिरीक्षक अमित कुमार मान, कांस्टेबल राजेंद्र सिंह, इब्राहिम, रोहित व दो अन्य शामिल हैं। बताया कि केस की सुनवाई के दौरान युवक के तारीख पर न जाने के चलते उच्च न्यायालय की ओर से वारंट जारी हो गए हैं। बाकी केस से संबंधित सारे तथ्य एवं जानकारी सीबीसीआइडी के पास ही हैं। वे इसकी विवेचना हर पहलू पर बारीकी से कर रही हैं। उन्हें केवल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया था। कहा कि केस के संबंधित जानकारी सीबीसीआइडी के अधिकारियों के पास है।
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