Rampur Nawab Family : नवाब खानदान की संपत्ति बंटवारे में आपत्ति दाखिल, 2600 करोड़ से ज्यादा की है संपत्ति

रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति के बंटवारे को लेकर शुक्रवार को आपत्ति दाखिल की गई। रामपुर में नवाब खानदान की 2600 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है जिसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:14 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:14 PM (IST)
Rampur Nawab Family : नवाब खानदान की संपत्ति बंटवारे में आपत्ति दाखिल, 2600 करोड़ से ज्यादा की है संपत्ति
सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति के बंटवारे को लेकर शुक्रवार को आपत्ति दाखिल की गई। रामपुर में नवाब खानदान की 2600 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, जिसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। 31 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है।

जिला जज ने 15 जुलाई को विभाजन योजना पेश की थी। साथ ही कहा था कि यदि किसी को आपत्ति है तो 15 दिन के अंदर दाखिल कर दे। शुक्रवार को मोहम्मद अली खां उर्फ मुराद मियां और उनकी बहन निखत बी की ओर से उनके अधिवक्ता ने आपत्ति दाखिल की। इसमें कहा कि विभाजन योजना नियम विरुद्ध है। जिला जज की अदालत को बंटवारे का अधिकार नहीं है, बंटवारा हाईकोर्ट से होना है। इस संबंध में जिला जज की अदालत पहले ही आदेश भी जारी कर चुकी है। साथ ही यह भी कहा कि वे कोठी खास बाग के अ ब्लॉक में रहते रहे हैं। इसलिए उन्हें अ ब्लॉक किया जाए। 

विभाजन योजना पर संतोष नहीं :  विभाजन योजना से पक्षकार ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं। 11 पक्षकारों के वकील हर्ष गुप्ता का कहना है कि पक्षकारों का हिस्सा तो सुप्रीम कोर्ट ने ही तय कर दिया था। विभाजन योजना में यह तय नहीं है कि किसे और कहां कौन सी संपत्ति मिलेगी। इसलिए आपत्ति के साथ कुछ सुझाव दिए जाएंगे।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने मदरसे का किया निरीक्षण : रामपुर में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मुहम्मद खालिद ने मदरसा फुर्कानिया का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मदरसे में पढ़ रहे बच्चों की मानक के अनुरूप स्थिति के बारे में जांच की। इसके साथ ही मदरसे द्वारा बच्चों को दिए जा रहे मिड डे मील के बारे में भी जानकारी ली। मदरसे में आय-व्यय व अन्य संबंधित रिकार्ड के बारे में भी उन्होंने पूछा परंतु प्रधानाचार्य रिकार्ड उपलब्ध नहीं करा सके। इस पर उन्होंने दो दिन के अंदर रिकार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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