Rampur Nawab Family : नवाब खानदान की संपत्ति बंटवारे में 11 पक्षकारों ने दर्ज कराई अपनी आपत्ति
Rampur Nawab Family रामपुर नवाब खानदान के संपत्ति बंटवारे में सोमवार को 11 पक्षकारों की ओर से जिला जज की अदालत में आपत्ति दर्ज कराई गई। जिसमें विभाजन योजना को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार नहीं बताया गया।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रामपुर नवाब खानदान के संपत्ति बंटवारे में सोमवार को 11 पक्षकारों की ओर से जिला जज की अदालत में आपत्ति दर्ज कराई गई। जिसमें विभाजन योजना को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार नहीं बताया गया। रामपुर में नवाब खानदान की 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, जिसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई। जिला जज ने संपत्ति के सर्वे और मूल्यांकन के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिए। संपत्ति की मूल्यांकन रिपोर्ट मिलने के बाद स्पेशल जज को मध्यस्थ नियुक्त किया ताकि सुलह समझौते से बंटवारा हो सके, लेकिन परिवार के सदस्यों में सहमति नहीं बन सकी। इस पर 15 जुलाई को जिला जज ने विभाजन योजना पेश कर दी। साथ ही 15 दिन के अंदर आपत्ति दाखिल करने के लिए कहा। 30 जुलाई को मुहम्मद अली खान उर्फ मुराद मियां और उनकी बहन निगहत बी की ओर से आपत्ति दर्ज की गई, जबकि अन्य पक्षकारों की ओर से समय की मांग की गई। इस पर जिला जज ने नौ अगस्त की तिथि निर्धारित कर दी। सोमवार को 11 पक्षकारों के वकील एवं पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने जिला जज की अदालत में आपत्ति दाखिल की, जिसमें कहा है कि जिला जज द्वारा पेश की गई विभाजन योजना सुप्रीम कोर्ट की पैरा नंबर 47 के छह व सात के अनुसार नहीं है। क्योंकि मुर्तजा अली खां के परिवार ने जो संपत्ति बेची है उसे उनके हिस्से से नहीं काटा गया है और जाे चल संपत्ति गायब की है। उसकी रकम भी उनके हिस्से नहीं काटी गई है। संपत्ति से सवा तीन करोड़ रुपये सालाना आमदनी होती रही है। उसे भी उनके हिस्से से नहीं काटा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो संपत्ति बांटी गई है उसे मूल्यांकन के अनुसार नक्शे पर कहीं नहीं दर्शाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोठी खास बाग के ए ब्लाक को उन्हें नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसके रास्ते भी जमीन में शामिल हैं।