Rampur Hunar Haat : हुनर हाट में पर्यावरण संरक्षण, कूड़े से बनाई जा रही खाद, फ्री में ले जा रहे लोग

Rampur Hunar Haat भीड़ के कारण कूड़ा भी हो रहा है। लेकिन इसका हाथों हाथ निस्तारण भी हो रहा है। कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाई जा रहे है जो लोगों को मुफ्त में दी जा रही है। हुनर हाट में कचरे से कौशल सेक्शन भी बना है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 12:34 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 12:34 PM (IST)
Rampur Hunar Haat : हुनर हाट में पर्यावरण संरक्षण, कूड़े से बनाई जा रही खाद, फ्री में ले जा रहे लोग
स्वच्छता के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर।

मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। Rampur Hunar Haat : भारत सरकार की ओर से रामपुर में लगे हुनर हाट में रोज लाखों लोग आ रहे हैं, जो खरीदारी करने के साथ ही देशभर के व्यंजनों का भी मजा ले रहे हैं। भीड़ के कारण कूड़ा भी हो रहा है। लेकिन, इसका हाथों हाथ निस्तारण भी हो रहा है। कूड़े से कंपोस्ट खाद बनाई जा रहे है, जो लोगों को मुफ्त में दी जा रही है। हुनर हाट में कचरे से कौशल सेक्शन भी बना है।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया था कि कूड़े के पहाड़ खत्म होने चाहिएं। उनके स्वच्छता अभियान को ध्यान में रखकर हुनर हाट में एक विशेष मशीन लगाई गई है जो यहां निकलने वाले सारे कूड़े से खाद बना रही है। हुनर हाट बावर्ची खाना सेक्शन में लगे फूड स्टाल्स से निकलने वाले फूड वेस्ट और ग्रीन वेस्ट को इस मशीन द्वारा कंपोस्ट खाद में बदला जा रहा है। यह खाद हुनर हाट में आने वाले लोगों को मुफ्त में दी जा रही है। दिल्ली की स्टार्ट अप कंपनी क्लीन इंडिया वेंचर्स द्वारा मेक इन इंडिया के तहत निर्मित इस मशीन की क्षमता 500 किलोग्राम प्रति दिन कूड़े का निपटारा करने की है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ कहते हैं कि इस तरह की मशीन से कूड़े के निपटारे का सबसे बड़ा फायदा है कि कूड़े के ढेर नहीं लगने पाएंगे। ट्रकों में भरकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले ट्रांसपोर्टेशन खर्च की बचत होगी। हुनरहाट में स्वच्छता के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए नर्सरी की व्यवस्था की गई है, जिसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधे हैं, जिसे बड़े कायदे से सजाया गया है। लोगों को पौधे खरीदने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। उन्हें बहुत कम दाम पर पौधे दिए जा रहे हैं। नर्सरी स्वामी गुलाम गौस कहते हैं कि यहां उनका मकसद फायदा कमाना नहीं, बल्कि लोगों को पौधरोपण के प्रति प्रेरित करना है।

देशभर के व्यंजनों का मजा : अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से लगे हुनर हाट में देश के कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के दस्तकार व शिल्पकार आए हैं, जो अपने साथ अपने हुनर से बने शानदार उत्पाद भी लाए हैं। हुनर हाट में कोई टैक्स नहीं है, इस कारण सामान के दाम कम हैं। यही वजह है कि लोग खरीदारी खूब कर रहे हैं। देश के तमाम राज्यों के नामचीन व्यंजन भी यहां बन रहे हैं, जिनका लोग खूब मजा ले रहे हैं। रोज एक लाख से भी ज्यादा लोग आ रहे हैं। पिछले साल 10 दिन चले हुनर हाट में 16 लाख लोग आए थे।

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