मुरादाबाद में राम-सीता और लक्ष्मण धरने पर बैठे, मोमबत्ती की रोशनी में हुई रामलीला, जानें क्या थी वजह

Ramleela in Moradabad with Candle Light बिजली विभाग और नगर निगम धार्मिक कार्यक्रमों में भी सौतेला व्यवहार बरत रहा है। पुराना दसवां घाट की रामलीला सोमवार को भी मोमबत्ती की रोशनी में हुई। माेमबत्ती जलाकर दर्शक और कलाकार धरने पर बैठे रहे।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 07:04 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 12:16 PM (IST)
मुरादाबाद में राम-सीता और लक्ष्मण धरने पर बैठे, मोमबत्ती की रोशनी में हुई रामलीला, जानें क्या थी वजह
मुरादाबाद बिजली विभाग और नगर निगम के खिलाफ धरने पर बैठे रामलीला के कलाकार।

मुरादाबाद, जेएनएन। Ramleela in Moradabad with Candle Light : बिजली विभाग और नगर निगम धार्मिक कार्यक्रमों में भी सौतेला व्यवहार बरत रहा है। पुराना दसवां घाट की रामलीला सोमवार को भी मोमबत्ती की रोशनी में हुई। माेमबत्ती जलाकर दर्शक और कलाकार धरने पर बैठे रहे। बिजली अधिकारी भी मौन धारण करके बैठ गए हैं कि कोई कनेक्शन लेने आए तो उसे अस्थाई कनेक्शन दिया जाए। 70 वर्ष पुरानी रामलीला बंद करने पर विचार किया जा रहा है। यह रामलीला प्राचीन एवं गरीब तबके से जुड़ी है। कोई बड़ा फाइनेंस करने वाला नहीं है। बाजार से चंदा लेकर रामलीला हो रही है। रामलीला मंचन में प्राचीन श्री रामलीला कमेटी पुराना दसवां घाट की राम लीला को बचाने के लिए प्रभु श्रीराम, माता सीता लक्ष्मण जी पूरे रामलीला परिवार के साथ शूर्पणखा अन्य पात्रों के साज सज्जा के साथ मंचन स्थल पर धरना प्रदर्शन गया। अध्यक्ष यथार्थ किशोर ने बताया कि प्राचीन श्री रामलीला पर संकट खड़ा हो गया है। अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अस्थाई बिजली कनेक्शन के लिए किसी ने आवेदन नहीं किया है।

तब रावन निज रूप देखावा, भई सभय जब नाम सुनावा : रामलीला जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। सोमवार को लाइनपार रामलीला और लाजपतनगर रामलीला में बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे। रामलीला कमेटी की ओर से लगाई कुर्सिंयां भी कम पड़ गईं। लाइनपार रामलीला का शुभारंभ नगर विधायक रितेश गुप्ता और निर्यातक महेश अग्रवाल ने श्रीराम सीता की आरती के साथ किया। इसके बाद सीता हरण और सीता खोज की मंचन किया गया। दिखाया गया कि रावण का भव्य दरबार सजा हुआ है और वहां सूपर्णखा रोते बिलखते पहुंचती है और अपने साथ हुए घटना के बारे में बताती है। इसके बाद रावण मारीच को पंचवटी भेजता है। वह सोने का मृग बनता है।

सीता जी के कहने पर श्रीराम उसका शिकार करने जाते हैं। मारीच के तीर लगने पर वह श्रीराम की आवाज में लक्ष्मण को मदद के लिए पुकारता है। इसके बाद लक्ष्मण कुटिया के बाहर तीर से रेखा खींचकर भाभी सीता को उसके बाहर नहीं निकलने की बात कहकर जंगल में जाते हैं। वहां रावण साधु के रूप में पहुंचता है और सीताजी का अपहरण कर लंका ले जाता है। वहीं, लाजपत नगर में सूपर्णखा के नासिक भंग, रावण जटायु युद्ध, मारीच वध, सीता हरण का मंचन हुआ। आज के कार्यक्रम की व्यवस्था में महेश चंद्र अग्रवाल, विनोद सक्सेना, श्याम कृष्ण रस्तोगी, मुकुल बंसल, नरेंद्र सिंह, विवेक शर्मा, शरद अग्रवाल, असीम अग्रवाल, मनोज व्यास, अविनाश अग्रवाल, दुर्गा शरण खन्ना आदि का सहयोग रहा।

नेहरू युवा केंद्र में निकाली राम बरात सिविल लाइंस दीनदयाल नगर की रामलीला में आज मंचन का प्रारंभ श्री राम बरात से हुआ। मंचन में प्रभु श्री राम के राजतिलक की तैयारी का संवाद किया गया तत्पश्चात मंथरा कैकई संवाद में मंथरा द्वारा कैकई को याद दिलाया गया। भरत को राजगद्दी और दूसरे में राम को बनवास इसके पश्चात कैकई ने महाराज दशरथ से अपने पुत्र भरत के लिए राजगद्दी और श्रीराम के लिए बनवास मांगते हुए अपने दोनों वरदान सिद्ध करने का कहा, इसके पश्चात भगवान राम माता सीता के साथ और भाई लक्ष्मण के साथ बन के लिए चले गए, इसके पश्चात केवट संवाद का बहुत ही सुंदर मंचन किया गया। इससे पूर्व समाजसेवी एवं शिक्षाविद् अरविंद गोयल पुत्र शुभम गोयल ने दीप प्रज्ज्वलन कर मंचन प्रारंभ कराया। भाजपा महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र नाथ मिश्रा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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