रामगंगा नदी खतरे के निशान से दो मीटर दूर, जलस्‍तर बढ़ने पर होगी द‍िक्‍कत, पानी की धार से पुल बहा

रामगंगा किनारे बसे ग्रामीणों को बाढ़ का खौफ सताने लगा है। हालांकि अभी कालागढ़ डेम (बांध) से पानी छोड़े जाने की कोई संभावना नहीं है। वहां से जब तक पानी नहीं छोड़ा जाता बाढ़ आने की बहुत कम संभावना रहती है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 02:07 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 02:07 PM (IST)
रामगंगा नदी खतरे के निशान से दो मीटर दूर, जलस्‍तर बढ़ने पर होगी द‍िक्‍कत, पानी की धार से पुल बहा
बाढ़ की त्रासदी झेलने वाले खादर के ग्रामीणों को सता रहा घर उजड़ने का खौफ।

मुरादाबाद, जेएनएन। मानसून की पहली बरसात के बाद से ही रामगंगा नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है। रव‍िवार को रामगंगा में पानी खतरे के निशान से दो मीटर दूर था। इसमें इजाफा होने पर परेशानी बढ़ सकती है। पानी के तेज बहाव के साथ नटबाबा मंदिर के पास बना लकड़ी का अस्‍थायी पुल बह गया है।

रामगंगा किनारे बसे ग्रामीणों को बाढ़ का खौफ सताने लगा है। हालांकि अभी कालागढ़ डेम (बांध) से पानी छोड़े जाने की कोई संभावना नहीं है। वहां से जब तक पानी नहीं छोड़ा जाता, बाढ़ आने की बहुत कम संभावना रहती है। उधर, प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। लेकिन, कंट्रोल रूम के नंबर का फोन नहीं उठ रहा है। शुक्रवार और शनिवार को मानसून की पहली बरसात में खेतों से लेकर गांव और शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं। तहसील सदर के करीब 23 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं।  रामगंगा के साथ ढेला नदी में पानी आने के बाद खादर की स्थिति और अधिक खराब हो जाती है। डिलारी क्षेत्र में रामगंगा किनारे बसे गांव मलकपुर, सेमली आलियाबाद, चंद्रपुरा, सिहाली खाबर, काजीपुरा, सुल्तानपुर खद्दर, चंद्रपुरा, दौलतपुर, तिगरी, करनपुर मुस्तफापुर, बड़हरा चटकाली, सलेमसराय, मझोली समेत करीब 20 गांव में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा बना रहता है। विवेकानंद पुल से होकर ठाकुरद्वारा जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी उतरने लगता है। रामगंगा किनारे बसे इस्लामनगर गांव के लोगों को घरों में पानी घुसने की वजह से परेशानी उठानी पड़ती है। काफियाबाद से गनीमतनगर, अक्का शाहपुर आदि गांवों की तरफ जाने वाली सड़कों पर पानी बहने लगता है। जामा मस्जिद और विवेकानंद अस्पताल के पास से रामगंगा नदी पर बने दोनों पुलों के बीच के गावाें में रहने वाले लोगों ने नटबाबा मंदिर, बंगला गांव के पास लकड़ी का अस्थाई पुल बना लिया था। खादर के दर्जनों गांव के लोग इसी पुल से होकर शहर आते-जाते थे। लेकिन, रामगंगा के पानी का बहाव तेज होने से पुल बह गया। खादर के लोगों को अब जामा मस्जिद या विवेकानंद पुल से होकर ही शहर आना होगा। बाढ़ की स्थिति होने पर ठाकुरद्वारा तहसील के रायपुर गांव पानी घुस आता है। मूंढापांडे क्षेत्र के हरिदेवपुर लोडिया कटान होने लगता है। इसके अलावा भी तमाम ऐसे गांव हैं, जहां का कहर रहता है।

रामगंगा नदी के पानी से हर साल हजारों की संख्या में लोग बेघर हो जाते हैं। रामगंगा नदी किनारे हाईकोर्ट ने पिचिंग बनाने के लिए आदेश दिए थे। लेकिन, विभागीय अधिकारियों ने आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अधिकारी चेत जाते तो खादर के लोगों के लिए राहत का काम हो जाता।

रईस अहमद ग्राम प्रधान, गांव मुस्तफापुर

खादर के लोगों की किसी को चिंता नहीं है। बारिश के मौसम में रामगंगा नदी में डेम का पानी छोड़ दिया जाता है, जिससे नदी उफना जाती है। इससे बाढ़ आ जाती है। बाढ़ का पानी हमारा जिला मुख्यालय से संपर्क तक तोड़ देता है। सड़कें खराब हो जाती है। बाढ़ से बचने के लिए बंधा बनाया जाना चाहिए ।

फारुख अहमद, ग्राम प्रधान काजीपुरा

रामगंगा नदी में बरसात का पानी आ रहा है। इसलिए अभी घबराने की जरूरत नहीं है। फिर भी हम पूरी निगरानी करा रहे हैं। बाढ़ चौकियों पर तैनात स्टाफ 24 घंटे सेवा दे रहा है। कंट्रोल रूम के जरिए कालागढ़ समेत आसपास के सभी डेम के पानी पर नजर रखी जा रही है। किसी भी स्तर पर चूक हुई तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। मनोज कमार, अधिशासी अभियंता, बाढ़ खंड, मुरादाबाद

रामगंगा नदी

खतरे का निशान-190.60 मीटर

वर्तमान स्थिति- रामगंगा 188. 230 मीटर

कालागढ़ डेमखतरे का निशान- 240. 200 मीटर

वर्तमान स्थिति- 225 मीटर

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