काजू और बादाम की पैदावार को लेकर जगी उम्मीद, पौधों पर लगे फल

अब उत्तर प्रदेश के किसान भी अपने खेतों में काजू और बादाम की खेती कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 08:12 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 08:12 PM (IST)
काजू और बादाम की पैदावार को लेकर जगी उम्मीद, पौधों पर लगे फल
काजू और बादाम की पैदावार को लेकर जगी उम्मीद, पौधों पर लगे फल

मुरादाबाद : अब उत्तर प्रदेश के किसान भी अपने खेतों में काजू और बादाम की खेती कर सकेंगे। कृषि प्रशिक्षण केंद्र मनोहरपुर में तीन साल के इंतजार के बाद काजू और बादाम के पौधे पर फल आये हैं। एक माह बाद काजू और बादाम खाने लायक हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश में काजू और बादाम की खेती होने के बाद यहां के किसानों की तकदीर बदल जाएगी। फल पकने के बाद काजू और बादाम को नाम दिया जायेगा, साथ ही दो एकड़ जमीन में काजू और बादाम की नर्सरी लगाने का काम शुरू हो जायेगा। कृषि प्रशिक्षण केंद्र द्वारा काजू और बादाम के पौधों की बिक्री की जाएगी। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से काजू और जम्मू स्थित सरकारी नर्सरी से बादाम का एक-एक पौधा लाकर 2017 में कृषि प्रशिक्षण केंद्र में लगाया गया था, जिस पर अब फल आ गए हैं। पौधों को लगाने में इनका किया प्रयोग

- काजू और बादाम के पौधों को लगाने के लिए केचुआ खाद, जीवा मृत, घन जीवा मृत और हड्डी की खाद का प्रयोग किया। तापमान सही रखने के लिये पौधे की जड़ और पत्तियों पर पानी का छिड़काव किया, ताकि तापमान सही रहे। मार्च और अप्रैल माह में फल आ जाते हैं। पौधा तैयार करने का तरीका, लेयरिग और क्राफ्टिग विधि से पौधे तैयार होंगे। काजू के तने को गांठ वाली जगह पर छिलकर मॉस घास लगाकर उसे प्लास्टिक की पन्नी से लपेट देते है,40-50 दिन बाद जड़ निकल आती है तो पौधे को अलग कर दूसरी जगह लगा देंगे। वर्जन-

-- प्रदेश में 20 कृषि प्रशिक्षण केंद्र है, जिसमे यह पहला प्रशिक्षण केंद्र है जहां काजू और बादाम के पौधे में फल आया है। बादाम का पौधा तो काफी लोगों ने घरों पर लगाये होंगे लेकिन, अभी फल तैयार होने की जानकारी नही है। काजू भी पहली बार तैयार हुआ है। यह हमारे लिए उपलब्धि है, पकने के बाद नर्सरी लगाने का कार्य शुरू होगा।

-- डॉ. दीपक मेंदीरत्ता, निदेशक कृषि प्रशिक्षण केंद्र, मनोहरपुर

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