स्वास्थ्य निदेशालय के गाइड लाइन के बाद रेलवे ने जारी किया पत्र, कर्मचारियाें से कहा दस दिन क्वारंटाइन होने के बाद दोबारा जांच की आवश्यकता नहीं

Indian Railway कोरोना संक्रमित रेलवे कर्मचारी के दस दिन होम क्वारंटाइन होने या अस्पताल में भर्ती होने के बाद दोबारा कोरोना की जांच नहीं कराना पड़ेगा। चिकित्सक की राय पर रेल कर्मचारी ड्यूटी करना शुरू कर देगा।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:30 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:30 PM (IST)
स्वास्थ्य निदेशालय के गाइड लाइन के बाद रेलवे ने जारी किया पत्र, कर्मचारियाें से कहा दस दिन क्वारंटाइन होने के बाद दोबारा जांच की आवश्यकता नहीं
स्वास्थ्य निदेशालय के गाइड लाइन के बाद रेलवे ने जारी किया पत्र

मुरादाबाद, जेएनएन। Indian Railway : कोरोना संक्रमित रेलवे कर्मचारी के दस दिन होम क्वारंटाइन होने या अस्पताल में भर्ती होने के बाद दोबारा कोरोना की जांच नहीं कराना पड़ेगा। चिकित्सक की राय पर रेल कर्मचारी ड्यूटी करना शुरू कर देगा। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य निदेशालय लगातार कोरोना के लिए गाइड लाइन जारी कर रहा है। जिसमें इलाज, जांच और रोगियों की सुरक्षा संबंधित होता है।

रेलवे बोर्ड स्वास्थ्य निदेशालय के गाइड लाइन के अनुसार रेलवे अपने स्तर से दिशा निर्देश जारी करता है। जिसके आधार पर रेलवे अस्पतालों में रेल कर्मियों के इलाज करने के साथ ड्यूटी आदि की व्यवस्था किया जाता है। दूसरी ओर संक्रमित रेल कर्मियों की संख्या लगातार बढ़ने के बाद रेल प्रशासन को लग रहा था कि ट्रेन संचालन प्रभावित भी हो सकता है। मंडल प्रशासन ने इस संभावना को देखते हुए मुख्यालय पत्र भेज कर सुझाव भी मांगें थे।

उत्तर रेलवे डिप्टी चीफ मेडिकल डायरेक्टर डा. पुनीत गुप्ता ने पांच मई को पत्र जारी किया है। जिसमें स्वास्थ्य निदेशालय के न्यू गाइड लाइन की जिक्र किया और कहा है कि कोरोना संक्रमित रेलवे कर्मचारी जिससे तीन से अधिक बुखार नहीं आया हो, वह दस दिन तक घर या अस्पताल में क्वारंटाइन रह चुके हैं, वैसे रेलवे कर्मचारी को दोबारा कोरोना जांच करने का आवश्यकता नहीं हैं, उससे निगेटिव मान कर ड्यूटी भेजा जा सकता है।

गंभीर रुप से संक्रमित रेलवे कर्मचारी का दोबारा जांच कराने की आवश्यकता है। कोरोना संक्रमित रेलवे कर्मचारी जो होम क्वारंटाइन है या रेलवे अस्पताल के अलावा अन्य अस्पताल में भर्ती है, रेलवे के चिकित्सक ऐसे बीमारी रोगियों का लगातार निगरानी करेंगे। होम क्वारंटाइन रोगियों की फोन पर या उसके घर जाकर बीमारी के बारे में जानकारी लेंगे और लक्षण के अनुसार कोरोना के इलाज के लिए दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेंगे। 

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