Indian Railway : ट्रेनों में आग लगने की घटना रोकने के लिए रेल प्रशासन ने टीटीई बोगियों में ज्वलनशील पदार्थ खोजने की दी जिम्मेदारी, हर स्टेशन पर तकनीकी टीम ट्रेन की करेगी जांच
Indian Railway नई दिल्ली-देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस की एक बोगी में कुछ दिन पहले हरिद्वार-देहरादून के बीच आग लग गई थी। इसकी जांच उत्तर रेलवे मुख्यालय द्वारा की जा रही है। इसलिए रेल प्रशासन आग लगने के कारण पर कुछ नहीं कहना चाहता है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Indian Railway : नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी की बोगी में आग लगने की घटना के बाद रेल प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। अब ट्रेनों में टिकट निरीक्षक यात्रियों के टिकट चेक करने के साथ कोच में ज्वलनशील पदार्थ खोजने का भी काम करेंगे। इस बाबत रेलवे प्रशासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही हर स्टेशन पर तकनीकी टीम ट्रेनों के उपकरण की जांच भी करेगी।
नई दिल्ली-देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस की एक बोगी में कुछ दिन पहले हरिद्वार-देहरादून के बीच आग लग गई थी। इसकी जांच उत्तर रेलवे मुख्यालय द्वारा की जा रही है। इसलिए रेल प्रशासन आग लगने के कारण पर कुछ नहीं कहना चाहता है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि चिंगारी या किसी उपकरण में फाल्ट से आग लगी होगी। रेल प्रशासन ने अन्य ट्रेनों के कोच में आग न लगे, इसके लिए टिकट चेकिंग टीम को विशेष निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ट्रेनों में तैनात टीटीई सभी कोच की जांच करेंगे। कहीं भी ज्वलनशील पदार्थ मिलने पर उसे तत्काल कोच से बाहर निकालने की व्यवस्था करेंगे। स्टेशन पर ट्रेन के रुकने पर प्लेटफार्म ड्यूटी वाले टीटीई भी कोच की जांच करेंगे। तकनीकी टीम ट्रेनों में एसी उपकरणों, बिजली के उपकरणों की जांच करेगी। उपकरण में कहीं कोई फाल्ट मिलने पर उसे तत्काल ठीक किया जाएगा। उपकरण ठीक होने के बाद ही ट्रेन चलाई जाएगी। दूसरी ओर उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि गाजियाबाद में लखनऊ-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस के जेनरेटर बोगी में आग लगाने वाले एक व्यक्ति को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। पार्सल में रखे गए मैटेरियल की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश कुमार ने बताया कि ट्रेन के कोच में ज्वलनशील पदार्थ खोजने के लिए टीटीई को लगाया गया है। कोच में एसी व अन्य उपकरण की जांच के लिए तकनीकी टीम ने परीक्षण शुरू कर दिया है। इसके अलावा बीच रास्ते से गुजरने वाली ट्रेनों पर गेटमैन व छोटे स्टेशनों पर स्टेशन मास्टरों को निगरानी करने के आदेश दिए गए हैं।