मुरादाबाद के निजी अस्पतालों में मरीजों के जीवन से हो रहा खिलवाड़, किसी भी अस्पताल में नहीं हैं आग बुझाने के उचित साधन

Fire in Hospital of Moradabad जिंदगी बचाने के लिए लोग अस्पताल में पहुंचते हैंलेकिन इन अस्पतालों में हादसा बनकर मौत कब आ जाएइसकी कोई गारंटी नहीं हैं। मंगलवार को गलशहीद थाना क्षेत्र के एक नर्सिंग होम में हुए हादसे ने अफसरों के होश उड़ा दिए थे।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:10 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:10 AM (IST)
मुरादाबाद के निजी अस्पतालों में मरीजों के जीवन से हो रहा खिलवाड़, किसी भी अस्पताल में नहीं हैं आग बुझाने के उचित साधन
केवल एनओसी लेने के लिए लगवाया नर्सिंग होम में फायर टेंडर

मुरादाबाद, (रितेश द्विवेदी)। Fire in Hospital of Moradabad : जिंदगी बचाने के लिए लोग अस्पताल में पहुंचते हैं,लेकिन इन अस्पतालों में हादसा बनकर मौत कब आ जाए,इसकी कोई गारंटी नहीं हैं। मंगलवार को गलशहीद थाना क्षेत्र के एक नर्सिंग होम में हुए हादसे ने अफसरों के होश उड़ा दिए थे। आधी रात के हूटर की आवाजों से पूरा इलाका गूंज गया था। स्थानीय लोगों के साथ ही अफसर भी भगवान से बस यही प्रार्थना कर रहे थे,कि जल्द आग बुझ जाए। एक घंटे बाद जब अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने आग पर काबू पाया,जिसके बाद अफसरों ने राहत की सांस ली। लेकिन घटना के बाद जो सबसे ज्यादा हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है,वह यह है कि जनपद में 99 फीसद अस्पताल,नर्सिंग होम के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है। इस मामले में एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया ने जांच के आदेश दिए हैं।

मंगलवार को सुबह तीन पुलिस के वारलेस सेट पर आग लगने के साथ ही नर्सिंग होम में मरीजों के फंसे होने की सूचना जारी हो गई थी। इस सूचना मिलते ही नींद में सो रहे अफसर अचानक उठ खड़े हुए। महज 20 मिनट में एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया,एडीएम सिटी आलोक वर्मा के साथ ही मुख्य अग्निशमन अधिकारी मुकेश कुमार मौके पर पहुंच गए। अफसराें की मौजूदगी में मरीजों को बाहर निकालने के साथ ही इलाके में बढ़ रही भीड़ को शांत करने का काम किया गया। लेकिन आग की लपटों को देखकर एक बार अफसर भी हैरत में पड़ गए।

पुलिस कर्मियों ने अस्पताल में रखे आक्सीजन सिलेंडर को हटाकर सुरक्षित स्थान में रखने की कार्रवाई की। लेकिन इस हादसे ने सभी के होश उड़ाकर रख दिए थे। आग बुझने के बाद जब अफसर जांच करने पहुंचे तो देखा कि नर्सिंग होम में फायर टेंडर मौजूद था। इस संबंध में कर्मचारियों से पूछताछ की गई,तो पता चला कि उनमें से किसी को भी फायर टेंडर चलाना ही नहीं आता। इसके लिए उन्हें कभी प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया। वहीं फायर विभाग से केवल एनओसी लेने के लिए फायर टेंडर लगवाने की कार्रवाई की गई थी।

17 को एनओसी,676 बिना एनओसी के संचालित हो रहेः मुरादाबाद जनपद की आबादी लगभग 38 लाख की है। आबादी के लिहाज से शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर नर्सिंग होम और क्लीनिक खोलकर डाक्टर इलाज कर रहे हैं। इनमें मरीजों को भर्ती करके आपरेशन भी किया जाता है। लेकिन किसी भी नर्सिंग होम और क्लीनिक में आग से सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। मुरादाबाद जनपद में अग्निशमन विभाग से केवल 17 अस्पताल,नर्सिंग होम और क्लीनिक को फायर विभाग से एनओसी जारी किए हैं। वहीं इस सूची में सरकारी अस्पताल भी शामिल है। जिले के सरकारी अस्पतालों में भी अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं हैं। जिले में 676 स्वास्थ्य सेवा से संबंधित संस्थान बिना अग्निशमन की एनओसी के बिना संचालित हो रहे हैं।

मुरादाबाद के एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया ने बताया कि इस घटना का संज्ञान लेकर सभी अस्पतालों,नर्सिंग होम और क्लीनिक में अग्निशमन विभाग से संबंधित एनओसी व अन्य सुरक्षा उपकरणों की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों से बातचीत करके संयुक्त रूप से जानकारी एकत्र करने के साथ ही समग्र रिपोर्ट उच्च अधिकारियाें को प्रेषित की जाएगी।

मुरादाबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना सभी को अनिवार्य है। इसके लिए संबंधित विभाग के माध्यम से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाता है। जांच के बाद एनओसी प्रदान करने की कार्रवाई की जाती है। लेकिन बहुत से ऐसे संस्थान हैं,जिनके द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। इस संबंध में समय-समय पर संबंधित विभागों को सूचना भेजकर नियमानुसार कार्रवाई के लिए कहा जाता है।

जनपद में अस्पताल,नर्सिंग होम और क्लीनिक की संख्या

सरकारी अस्पताल, 03,

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 08,

एडिशनल पीएचसी, 259,

निजी बड़े अस्पताल, 13,

नर्सिंग होम, 170,

क्लीनिक, 240,

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