Postal department service in Lockdown : मुरादाबाद में गंभीर रोग‍ियों को दवा पहुंचा रहे डाक‍िया, लाकडाउन में लोगों को म‍िल रही राहत

डाकिया गंभीर रूप से बीमार रोगियों को दवा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। छुट्टी वाले दिन भी डाकघर खुलवाकर रोगियों को दवा उपलब्ध कराया जा रहा है। मुरादाबाद में भी 30 से अधिक रोगियों को डाक विभाग दवा पहुंचा चुका है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:38 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:38 AM (IST)
Postal department service in Lockdown : मुरादाबाद में गंभीर रोग‍ियों को दवा पहुंचा रहे डाक‍िया, लाकडाउन में लोगों को म‍िल रही राहत
छुट्टी वाले दिन व रात में भी रोगियों तक डाक‍िया पहुंचा रहा है दवा।

मुरादाबाद, जेएनएन। लॉकडाउन और बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच डाकिया गंभीर रूप से बीमार रोगियों को संजीवनी पहुंचाने का काम कर रहे हैं। छुट्टी वाले दिन भी डाकघर खुलवाकर रोगियों को दवा उपलब्ध कराया जा रहा है। मुरादाबाद में भी 30 से अधिक रोगियों को डाक विभाग दवा पहुंचा चुका है।

मझोला क्षेत्र के एक व्यक्ति का मुंबई के एक अस्पताल में कैंसर का नियमित इलाज चलता है। चिकित्सक द्वारा आनलाइन जांच करने के बाद लॉकडाउन या कोरोना संंक्रमण के पहले तक स्‍पेशल मैसेंजर द्वारा दवा भेजा जाता था। कोरोना का कहर बढ़ने के बाद हवाई उड़ान कम हो गई है। ट्रेनें का संचालन भी धीरे-धीरे बंद हो रहा है। ऐसे स्थिति में मुंबई के अस्पताल प्रशासन ने दवा डाक विभाग के पार्सल से द्वारा भेजी। रोगी के परिवार वालों ने फोन से स्थानीय डाक विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और बताया कि आनलाइन जांच करने से पता चला है कि जरूरी दवा मुरादाबाद आरएमएस पहुंच गई है। परिवार वालों के दवा तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। सूचना मिलते ही डाक विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए और दो घंटे के अंदर दवा उपलब्ध करा दिया। कोरियर सर्विस बंद हो जाने के बाद देश के विभिन्न कोने से मुरादाबाद के कई गंभीर रोगियों की दवाएं वर्तमान में डाक विभाग के पार्सल द्वारा भेजी जा रही है। प्रवर डाक अधीक्षक वीर सिंह ने बताया कि कई रोगी हैं ज‍िनकी दवा मुंबई, कोलकाता, दिल्ली के अस्पतालों द्वारा भेजी जाती है। वर्तमान में इन रोगियों की दवा डाक विभाग के पार्सल द्वारा भेजा जा रहा है। कई रोगी ऐसे हैं, जो मुंबई, कोलकाता में दवा के पार्सल होते ही मुरादाबाद के डाक विभाग के अधिकारियों को पार्सल की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा देते हैं। कम समय में दवा उपलब्‍ध कराने की मांग करते हैं। स्थानीय अधिकारी आनलाइन दवा की निगरानी करना शुरू कर देते हैं। विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर कम समय में दवा की पैकेट मंगाकर रोगी तक पहुंंचाने का काम करते हैं। कई बार तो रात में रोगी को दवा उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक 30 से अधिक लोगों को दवा पहुंचाई जा चुकी है।  

chat bot
आपका साथी