Pollution : बारिश से धुल गया प्रदूषण, वायुमंडल स्वच्छ, मुरादाबाद के लोगों को दिखाई दिए नैनीताल के पहाड़
पिछले साल कोरोना के कारण लगाए गए लाकडाउन ने पर्यावरण में जैसे जान फूंक दी थी। वायुमंडल साफ होने के कारण ऐसे-ऐसे नजारे दिखाई देने लगे थे जो गुजरे जमाने की बात हो चुके थे। इसमें मुरादाबाद से दिखाई देने वाली नैनीताल की पहाड़ियां भी शामिल हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। पिछले साल कोरोना के कारण लगाए गए लाकडाउन ने पर्यावरण में जैसे जान फूंक दी थी। वायुमंडल साफ होने के कारण ऐसे-ऐसे नजारे दिखाई देने लगे थे, जो गुजरे जमाने की बात हो चुके थे। इसमें मुरादाबाद से दिखाई देने वाली नैनीताल की पहाड़ियां भी शामिल थीं। शनिवार को हुई बारिश के कारण वायुमंडल में जमा हुए धूल और प्रदूषण के कण धुल गए। वायुमंडल स्वच्छ होने के कारण मुरादाबाद के लोगों को एक बार फिर से नैनीताल की पहाड़ियां देखने का अवसर मिला। जो हमेशा यादगार रहेगा।
2020 में भी लाकडाउन के दौरान ऐसे नजारे देखने को मिले थे। मुरादाबाद के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि अब से 30 से 40 साल पहले जब शहर के साहू लोगों के पास ही मोटरगाड़ियां हुआ करती थीं और बड़े लोग ही मोटरसाइकिल चलाते थे, तब आम आदमी सफर करने के लिए रिक्शा, तांगा का प्रयोग करते थे। प्रदूषण नाम मात्र को हुआ करता था। इसके कारण मुरादाबाद की जनपद की सीमा से लगी नैनीताल की सीमा के कारण वहां की पहाड़ियां दिखाई देती थीं। जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता गया, यह नजारे धुंधले पड़े गए और फिर ओझल हो गए। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य एवं साहित्यकार डॉ. अजय अनुपम बताते हैं उन्हें मुरादाबाद से दिखाई देने वाली नैनीताल की पहाड़ियां अच्छी तरह याद हैं। जब इन पहाड़ियों को देखकर अपने माता-पिता से नैनीताल चलने के लिए जिद किया करते थे। उन दिनों मुरादाबाद का मौसम भी खुशनुमा रहता था। अब जितनी गर्मी होती है, तब उतनी गर्मी नहीं पड़ती थी। अधिकतम तापमान भी 30 से 35 डिग्री के बीच रहता था।
यह भी पढ़ें :-
मुरादाबाद में खुले नाले में गिरकर नौ साल के बच्चे की मौत, खेलते समय नाले के करीब पहुंचा था बालक
Moradabad coronavirus news : 12 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि, अभी न बरतें कोई लापरवाही