पीएम किसान सम्मान निधि : अफसरों की लापरवाही से 88 हजार किसानों के खाते में नहीं पहुंची योजना की धनराशि
डाटा फीडिंग की जल्दबाजी से पूरा खेल बिगड़ गया। किसी का आधार नंबर गलत हुआ किसी का नाम अधूरा फीड किया गया। जैसे तैसे अफसरों ने डाटा ठीक किया और सरकार को भेज दिया। एक साल हो गया लेकिन अभी योजना का लाभ नहीं मिला।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। अमरोहा के 88 हजार किसान सम्मान निधि से यूं ही वंचित नहीं हुए हैं। शुरुआती दौर से ही चूक पर चूक होती गई। जनसेवा केंद्र संचालकों से लेकर कृषि विभाग के अफसरों तक में डाटा फीडिंग की जल्दबाजी से पूरा खेल बिगड़ गया। किसी का आधार नंबर गलत हुआ किसी का नाम अधूरा फीड किया गया। जैसे तैसे अफसरों ने डाटा ठीक किया और सरकार को भेज दी। एक साल हो गया लेकिन, उसको अभी तक सही नहीं किया गया। जिसके कारण किसान सम्मान निधि की किस्त से हर बार वंचित रह जाते हैं।
ताज्जुब की बात ये है कि कितने किसानों के खाते में सम्मान निधि पहुंची और कितनों में नहीं। कितनों को पहली किस्त मिली और कितनों को नहीं, इसका कोई रिकार्ड विभाग के पास नहीं है। न ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। जिससे अफसर भी परेशान हैं। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार सालभर में प्रति किसान छह हजार रुपये उपलब्ध कराती है। यह धनराशि दो-दो हजार रुपये की किस्त के रूप में उनके बैंक खातों में भेजी जाती है। यहां बता दें कि जिले में 2.76 लाख किसान हैं। जिनमें से 2.38 लाख योजना के पात्र पाए गए हैं। इनमें से 1.50 लाख के खातों में आठवीं किस्त के दो हजार रुपये आए थे, 88 हजार किसान वंचित रह गए। 9वीं किस्त कितने किसानों के खातों में पड़ी है, इससे संबंधित कोई सटीक जानकारी विभाग के पास नहीं पहुंची है। बहरहाल, किसान बेचैन हैं और इधर-उधर अफसरों के दरों को खटखटा रहे हैं। समस्या का बिल्कुल समाधान नहीं हो रहा है।
पीएम किसान सम्मान निधि के लिए मैंने तीन बार पंजीकरण करा दिया है। कृषि विभाग के दफ्तर जाता हूं तो लेखपाल के पास तहसील भेज देते हैं। लेखपाल के पास जाते हैं तो वह कहता है कि रिपोर्ट मैंने लगा दी है। अब मैं कुछ नहीं कर सकता। अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है।
विनोद कुमार, गांव नंगला खादर
जिस दिन से योजना शुरू हुई है उस दिन से एक भी किस्त नहीं आई है। चार बार रजिस्ट्रेशन कराया है। आज आधार देने कार्यालय पहुंचा तो अफसर खाता नंबर गलत बता रहे हैं। अब बैंक में जाकर देखूंगा।
नेमपाल, पृथ्वीपुर कलां
पांच बार जनसेवा केंद्र से आनलाइन आवेदन कराया है। विभाग की लापरवाही के कारण मुझे किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिला है। सरकार को लाभ देना है तो सबको मिलना चाहिए। किराया खर्च कर कृषि विभाग के दफ्तर आते हैं और बैरंग ही वापस लौट जाते हैं।
प्रमोद शर्मा, गांव खर्तिया
सम्मान निधि के लाभ के लिए सालों से कृषि विभाग के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन, समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। बेवजह परेशान होकर घर लौट जाता हूं। जो भी कागज मांगे, अफसरों को उपलब्ध करा दिए लेकिन, समाधान शून्य है।
रिंकू, गांव हाफिजपुर
कई बार अफसरों से मिल चुका हूं। वह तहसील लेखपाल से रिपोर्ट लगवाने भेज देते हैं। तहसील में लेखपाल को तलाशना ही मुश्किल हो जाता है। एकाध बार मिले तो कह दिया कि मेरा कोई काम नहीं है। सब विभाग का कार्य है। इसके चलते ही अभी तक सम्मान निधि के लाभ से वंचित हूं।
गुड्डू, गांव अव्वलपुर
जितने किसानों का डाटा गलत था, उसको ठीक कराकर भारत सरकार के पास भिजवा दिया है। अब सरकार द्वारा ही उसको फीड किया जाना है। अभी तक फीड न होने के कारण ही किसान सम्मान निधि से वंचित हैं। योजना की शुरुआत में तमाम किसानों के आवेदन में गड़बड़ी थी। किसी का नाम गलत था तो किसी का आधार नंबर। किसानों से एक-एक कागज मंगवाकर डाटा ठीक कराया गया है और उसको सरकार के पास भेजा है। कौन सी किस्त किस किसान को मिली है, इसका आंकड़ा अभी नहीं मिला है। इसलिए कुछ नहीं बताया जा सकता।
राजीव कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी