मुरादाबाद के लोग जल्द ही हिरन-बारहसिंघा के कर सकेंगे दीदार, शहर में खुलने जा रहा है चिड़ियाघर, जमीन कर ली गई है चिह्नित
Zoo in Moradabad पीतलनगरी अब केवल धातुशिल्प के लिए नहीं बल्कि पर्यटन के नक्शे पर चमकने जा रही है। मुरादाबाद के डीयरपार्क में चिड़ियाघर बनाने के लिए जमीन तलाशे जाने की सूचना मुख्यमंत्री को दे दी गई। अब जल्द ही चिड़ियाघर बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
मुरादाबाद, जेएनएन। Zoo in Moradabad : पीतलनगरी अब केवल धातुशिल्प के लिए नहीं बल्कि पर्यटन के नक्शे पर चमकने जा रही है। मुरादाबाद के डीयरपार्क में चिड़ियाघर बनाने के लिए जमीन तलाशे जाने की सूचना मुख्यमंत्री को दे दी गई। अब जल्द ही चिड़ियाघर बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद चिड़ियाघर का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, डीयर पार्क में चिड़ियाघर के अनुरूप काफी निर्माण पहले से ही है, इसलिए इसे शुरू होने में अधिक समय नहीं लगेगा।अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह ने मंच से मुख्यमंत्री को बताया कि मुरादाबाद में नया चिडिय़ाघर बनाने के लिए जमीन तलाशी गई है। जमीन मिल भी गई है और जल्द ही शासन को वहां चिडिय़ाघर बनाने का प्रस्ताव भेजेंगे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश में चिड़ियाघर बनाए जाने की योजना तैयार की गई थी। इसके तहत वन विभाग को जमीन तलाशकर प्रस्ताव बनकर भेजने के लिए कहा गया था। इसके तहत वन विभाग ने मुरादाबाद के साथ मेरठ में मिनी चिड़ियाघर बनाने का प्रस्ताव भेजा था। मुरादाबाद में वन विभाग ने रामगंगा नदी के किनारे डियर पार्क के साथ आसपास 64.15 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की आरक्षित है। यहां मिनी चिड़ियाघर के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया था। वन विभाग ने 1989 में यहां पर वन चेतना केंद्र बनाया था।
इसके बाद इसे डियर पार्क के रूप में विकसित किया गया था। वन विभाग आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पकड़े गए हिरन के साथ ही अन्य पशु और पक्षियों को यहीं पर रखा जाता था। साल 2016 में तत्कालीन डीएम ने डियर पार्क को विकसित करके यहां पर पशुओं के साथ ही नौका विहार का शुभारंभ कराया था। इससे महानगर के बच्चों में जबरदस्त उत्साह था। वहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंचते थे। इसके साथ ही वहां डाग शो का आयोजन किया गया, जिसमें मुरादाबाद मंडल के अलावा दूर-दूर से एक से बढ़कर एक डाग शामिल हुए।
आयोजन बेहद सफल रहा और डीयर पार्क को भी खूब प्रचार प्रसार मिला था। लेकिन, कुछ दिनों बाद आम जनता के लिए डियर पार्क को बंद कर दिया गया था। अब एक बार फिर से इसे मिनी चिड़ियाघर के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव वन विभाग ने मुख्यालय को भेजा थ। क्षेत्रीय वन संरक्षक बताया कि डियर पार्क में 50 हेक्टेयर भूमि पर मिनी चिड़ियाघर विकसित करने का प्रस्ताव तैयारी किया गया है। इसकी सूचना सोमवार को मुख्यमंत्री को भी दी गई। अब इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाना है। वहां से जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद है।
छोटे जानवरों को रखा जाएगाः वन विभाग के अफसरों के मुताबिक मिनी चिड़ियाघर में हिरन, बारहसिंघा, खरगोश, उदबिलाव, नेवला, सांप, घड़ियाल को रख सकते हैं। इसके साथ ही साथ नौकाविहार, हर्बल गार्डन, तितली पार्क बनाया जा सकता है। बड़े जानवर मिनी चिड़ियाघर में नहीं रख सकते हैं।