मुरादाबाद में परिवार के तीन सदस्यों की मौत से फैली दहशत, रात भर घर में रखा था काेराेना संक्रमित का शव
अमरोहा के रजबपुर थानाक्षेत्र स्थित गांव खजूरी में रहने वाले एक ही परिवार के 28 दिन में चार लोगों की मौत होने से हड़कंप मच गया है। सबसे पहले इस परिवार के सेवानिवृत्त पोस्टमैन बाबूराम की कोरोना की चपेट में आकर मौत हुई थी।
मुरादाबाद, जेएनएन। अमरोहा के रजबपुर थानाक्षेत्र स्थित गांव खजूरी में रहने वाले एक ही परिवार के 28 दिन में चार लोगों की मौत होने से हड़कंप मच गया है। सबसे पहले इस परिवार के सेवानिवृत्त पोस्टमैन बाबूराम की कोरोना की चपेट में आकर मौत हुई थी। इसके बाद उनके शव को घर ले जाया गया। रात भर शव घर में रखा गया। अगले दिन अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य बुखार, जुकाम से पीड़ित हो गए। अब तक इस परिवार के चार सदस्यों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य महकमा इसकी जानकारी से ही इन्कार कर रहा है।
कोरोना की चपेट में आने के बाद उसके संपर्क में आने वाले अन्य लोग संक्रमित न हों, इसके लिए गाइडलाइन बनाई गई है। वहीं कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए भी दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं। इसके बावजूद किसी संक्रमित की मौत के बाद संवेदनाओं में बहकर लोग गाइडलाइन का पालन करना भूल जाते हैं। इसका खामियाजा परिवार के अन्य लोगों को उठाना पड़ता है।
कोरोना गाइडलाइन के तहत संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद उसका शव घर नहीं ले जाना चाहिए। उसे सीधे अंत्येष्टि स्थल पर ले जाकर पीपीई किट पहनकर सावधानीपूर्वक अंतिम संस्कार करना चाहिए। खजूरी गांव में रहने वाले रिटायर्ड पाेस्टमास्टर बाबू राम की तबीयत खराब होने पर कोरोना टेस्ट कराया गया था। जांच रिपोर्ट में संक्रमित पाए जाने पर उन्हें जोया रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
20 अप्रैल को वहीं उनकी मौत हो गई। इसके बाद स्वजन इनका शव रात में घर ले आए। अंतिम संस्कार के लिए उनके बेटे का इंतजार किया गया। अगले दिन जब बेटा पहुंचा तो शव को तिगरी घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद इस परिवार के कई अन्य सदस्य खांसी, जुकाम, बुखार की चपेट में आ गए। 28 अप्रैल को बाबू राम के छोटे भाई धर्मवीर की भी मौत हो गई। 16 मई को उनके बड़े भाई भरत लाल ने दम तोड़ दिया।
17 मई को बाबूराम के भाई की पत्नी का निधन हो गया। गांव वालों की मानें तो अभी भी इस परिवार के कुछ सदस्य बीमार हैं, जिनका इलाज चल रहा है। हालांकि एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत से पूरा गांव गमगीन है। वहीं परिवार के सदस्य इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
वर्जन
एक ही परिवार के चार लोगों की कोरोना से मौत की जानकारी नहीं है। मौके पर टीम भेजकर जांच-पड़ताल कराई जाएगी। कोविड प्रोटोकाल के तहत संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद उसका शव घर नहीं ले जाना चाहिए, उचित दूरी के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। डॉ. सौभाग्य प्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी