Panchayat Election 2021 : सीट आरक्षित हुई तो बेटे के लिए तलाशने लगे बहू, नहीं मिली तो खुद पिछड़ी जाति की महिला से कर लिया निकाह
Moradabad Panchayat Election Village Head Backward Caste Women Nikah इस बार ग्राम प्रधान की दावेदारी के लिए लोग हर तरह के दांव आजमा रहे हैं। मुरादाबाद के भगतपुर टांडा का भी एक मामला इन दिनों सुर्खियों में है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Panchayat Election Village Head Backward Caste Women Nikah : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कई तरह के सियासी रंग देखने को मिल रहे हैं। भगतपुर टांडा ब्लाक की ग्राम पंचायत रूस्तमपुर तिगरी में रहने वाले भारतीय किसान यूनियन (महाशक्ति) के नेता नाजिर हुसैन ने पिछड़ी जाति की महि़ला से निकाह करके उसे प्रधान पद का उम्मीदवार बना दिया। खुद सामान्य जाति से हैं इसलिए आरक्षित सीट से चुनाव नहीं ल़ड़ पा रहे थे। पत्नी पिछड़ी जाति की होने की वजह से उन्हें चुनावी मैदान में उतारकर पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इसे लेकर वह अपने क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
ग्राम पंचायत रूस्तमपुर सराय के रहने वाले नाजिर हुसैन की पहली शादी कुंदरकी क्षेत्र के डींगरपुर गांव में हुई थी। पहली पत्नी से उनके दो जवान बेटे हैं। इस बार उन्होंने हर हाल में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। पहले बेटे के लिए कोई पिछड़ी जाति की बहू तलाश करनी शुरू दी। लेकिन काफी तलाश करने के बाद भी नहीं मिली। इसके बाद अपने लिए दुल्हन की तलाश में जुट गए। जनवरी 2021 में नाजिर हुसैन ने चक्कर मिलक की रहने वाली सलमानी समाज की महिला गुलचमन से निकाह कर लिया। उनका वोट भी बनवा लिया। लेकिन वह पत्नी की सौतन को विदा कराकर घर नहीं लाए। ग्राम प्रधान पद के आरक्षण की पहली सूची आई तो उनका गांव अनारक्षित था। इससे उनमें खुद ही प्रधानी का चुनाव लड़ने की उम्मीद जाग गई। हाईकोर्ट के आदेश पर दोबारा से आरक्षण की सूची जारी होने पर नाजिर हुसैन का सारा खेल बिगड़ गया। उन्होंने दूसरी पत्नी को आरक्षित सीट पर प्रधानी का चुनाव लड़ाने का फैसला करके अपने साथ गांव में ही रखना शुरू कर दिया। गुलचमन को अब रूस्तमपुर सराय ग्राम पंचायत से चुनाव मैदान में उतारने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। नाजिर हुसैन का कहना है कि पहली पत्नी और बेटों की सहमति से गुलचमन से निकाह किया है। मैंने उन्हें गांव में प्रधान पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। माहौल ठीक है, इस बार जीत हमारी होगी।
मैंने तलाकशुदा महिला को सहारा दिया है। दोनों पत्नियां साथ रह रहीं हैं। किसी को कोई दिक्कत नहीं है। हमारी ग्राम पंचायत पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित हुई है। मेरा संबंध तुर्क बिरादरी से हैं। ऐसे में बिरादरी के लोगों के कहने पर पत्नी को प्रधान पद पर चुनाव लड़ाने का फैसला लिया है। कानून सबको चुनाव लड़ने की इजाजत भी देता है। पत्नी ग्राम प्रधान चुनी गईं तो गांव का विकास होगा। इसमें कोई बुराई नहीं है।
नाजिर हुसैन
ग्राम पंचायत रुस्तमपुर सराय
आबादी-5000
मतदाता- 3100