Panchayat Election 2021 : गांव-गांव जनसंपर्क कर बड़े नेता मांग रहे वोट, पूर्व सांसद और विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर

जिला पंचायत सदस्य के लिए होने वाले चुनाव को विधानसभा 2022 का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इस चुनाव में सीटिंग विधायकों का पार्टी और जनता के बीच कद तय होना है। इस चुनाव की हार-जीत आगामी विधानसभा चुनाव का आधार होगी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 07:16 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 07:16 AM (IST)
Panchayat Election 2021 :  गांव-गांव जनसंपर्क कर बड़े नेता मांग रहे वोट, पूर्व सांसद और विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर
पूर्व सांसद और विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर।

मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सियासी तौर पर सबसे छोटा माना जाता है। लेकिन, इस छोटे चुनाव से ही जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी तक पहुंचा जाता है। करोड़ों रुपये का बजट देहात के विकास पर खर्च करने के लिए आता है। इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने के लिए इस छोटे चुनाव में माननीयों ने अपनों को उतार दिया है। वे अपनों के साथ क्षेत्र के अन्य प्रत्याशियों को भी जीत दिलाने के लिए गांव-गांव धूल फांक रहे हैं।

जिला पंचायत सदस्य के लिए होने वाले चुनाव को विधानसभा 2022 का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इस चुनाव में विधायकों का पार्टी और जनता के बीच कद तय होना है। इस चुनाव की हार-जीत आगामी विधानसभा चुनाव का आधार होगी। जिला पंचायत के वार्ड 23 पर कुंदरकी विधायक हाजी मुहम्मद रिजवान की पुत्रवधू और बिलारी विधायक फहीम इरफान के बड़े भाई वसीम इरफान की पत्नी का चुनाव बेहद दिलचस्प है। यहां बिरादरी के अलावा रिश्तेदारों पर भी वोट देने और दिलाने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। हजारों मतदाता तो दोनों विधायकों से हां कह रहे हैं। कुंदरकी विधायक और उनके बेटे हाजी उवैश उर्फ कल्लन ने चुनाव की कमान संभाल रखी है। वह गांव-गांव जाकर यही कह रहे हैं कि हमें चुनाव जिताओ, दोहरा फायदा होगा। जिला पंचायत सदस्य के साथ विधायक भी आपके साथ खड़ा रहेगा। पिता-पुत्र एक दिन में कई-कई गांव में पहुंचकर लोगों से वोटों की अपील कर रहे हैं। बिलारी विधायक फहीम इरफान अपनी भाभी के लिए गांव-गांव वोट मांग रहे हैं। उनके बड़े भाई वसीम इरफान भी अपनी टीम के साथ क्षेत्र में देर रात तक मतदाताओं के बीच रहते हैं। दोनों विधायकों की प्रतिष्ठा पंचायत चुनाव में दांव पर लगी है। पूर्व सांसद सर्वेश कुमार सिंह की भाजपा में मजबूत पकड़ है। वह पत्नी साधना सिंह को जिला पंचायत के वार्ड एक से चुनाव लड़ा रहे हैं। पत्नी के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। सत्ता में होने की वजह से सरकार के फायदे भी गिना रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मिथिलेश रानी की देवरानी कुसुम रानी वार्ड 14 से दावेदार हैं। उनके लिए भी परिवार के लोग दिन रात लगे हुए हैं। पूर्व विधायक मुहम्मद उल्ला खां और उनके परिवार के लोग अपनी बेटी के लिए गांव-गांव में प्रचार कर रहे हैं। इन सभी नेताओं को अपनों से साथ अपने क्षेत्र के अन्य प्रत्याशियों को भी जिताने की जिम्मेदारी मिली है। इसलिए सभी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

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