Panchayat Election 2021 : आरक्षण को लेकर डीपीआरओ के पास आ रहे फोन, साहब, इस बार थोड़ी सी मेहरबानी कर देना

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर गांव-गांव शोर मचने लगा है। लेकिन आरक्षण फाइनल न होने की वजह से अभी भी लोगों को वोटरों पर पैसा खर्च करने से डर लग रहा है। इसलिए जुगाड़बाजी में लगे हैं। नेताओं के दरबार में भी हाजिरी लगा रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 01:07 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 01:07 PM (IST)
Panchayat Election 2021 : आरक्षण को लेकर डीपीआरओ के पास आ रहे फोन, साहब, इस बार थोड़ी सी मेहरबानी कर देना
ग्रामीणों ने तो डीएम को पत्र देकर गुहार लगा दी है।

मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर गांव-गांव शोर मचने लगा है। लेकिन, आरक्षण फाइनल न होने की वजह से अभी भी लोगों को वोटरों पर पैसा खर्च करने से डर लग रहा है। इसलिए जुगाड़बाजी में लगे हैं। नेताओं के दरबार में भी हाजिरी लगा रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने तो डीएम को पत्र देकर गुहार लगा दी है। 

जिला पंचायत राज अधिकारियों को फोन करके कह रहे हैं साहब इस बार थोड़ी मेहरबानी कर देना। लेकिन, आरक्षण तो आंकड़ों का खेल है। जरा भी इधर-उधर हुआ तो लोग कोर्ट की भी शरण लेंगे। भगतपुर गांव के जैतपुर गांव के मानसिंह, नरेश कुमार, गिरीश पाल सिंह, प्रदीप सिंह नेहा लता आदि ने डीएम को पत्र देकर कहा है कि उनका गांव भगतपुर टांडा ब्लॉक में आता है। ग्राम पंचायत की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 1489 है। वर्तमान में आबादी 2550 है। जिसमें पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के लोग रहते हैं। पिछड़़े वर्ग की आबादी सबसे अधिक है। इसलिए हमारी ग्राम पंचायत को पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित करा दो। ठाकुरद्वारा के सिडलऊ नजरपुर गांव के अरविंद कुमार, अनिल कुमार, दिवान सिंह, राकेश कुमार आदि ने डीएम को पत्र देकर कहा कि आजादी के बाद से हमारा गांव के प्रधान पद आरक्षित नहीं हुआ है। यह बहुत बड़ी बिडम्बना है। हमारी ग्राम पंचायत को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कराने का प्रस्ताव शासन को भिजवा दें। इसी तरह और भी तमाम गांवों के लोग अपनी ग्राम पंचायतों को अपने हिसाब से आरक्षित कराने के लिए जुगाड़बाजी कर रहे हैं। इसके लिए नेताओं के घरों के भी तमाम संभावित प्रत्याशी चक्कर लगा रहे हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि उनके पास भी फोन आते हैं। हम तो साफ कह देते हैं कि कुछ नहीं होने वाला है। आबादी के हिसाब से निष्पक्ष आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। किसी की सिफारिश की जरूरत नहीं है, जो सही होगा वही करेंगे।

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