Panchayat Election 2021 : रामपुर में पत्नी और बेटियों समेत चुनावी दंगल में कूदे नेताजी, जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी के ल‍िए आजमाइश

पंचायत चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने का कार्य संपन्न हो गया। जिला पंचायत के 34 वार्डों के लिए नेताओं ने बड़ी संख्या में नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष को जिले का प्रथम नागर‍िक माना जाता है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:10 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 05:10 PM (IST)
Panchayat Election 2021 : रामपुर में पत्नी और बेटियों समेत चुनावी दंगल में कूदे नेताजी, जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी के ल‍िए आजमाइश
चंद्रपाल सिंह की पत्नी और बेटे भी लड़ रहे चुनाव।

मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। रामपुर जिले में कई दिग्गज पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं। जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी कब्जाने के लिए अपने साथ ही पत्नियों और बेटियों को भी चुनावी दंगल में उतार दिया है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम, उनकी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जाहिदा सलाम और दोनों बेटियां भी चुनाव लड़ रहीं हैं। इसी तरह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह और उनकी पत्नी मीरा सिंह एवं बेटे कुमार सिद्धार्थ भी चुनाव मैदान में हैं।

पंचायत चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने का कार्य संपन्न हो गया। जिला पंचायत के 34 वार्डों के लिए नेताओं ने बड़ी संख्या में नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष को जिले का प्रथम नागर‍िक माना जाता है। जिला पंचायत पांच साल में करीब सौ करोड़ रुपये के विकास कार्य ग्रामीण क्षेत्र में कराती है। ऐसे में अध्यक्ष की कुर्सी की अहमियत और भी ज्यादा बढ़ गई है। इसीलिए इसे पाने के लिए कई नेता सपने संजोए हैं। इनमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम भी शामिल हैं। वह पांच साल अध्यक्ष रहे हैं तो पांच साल ही उनकी पत्नी जाहिदा सलाम अध्यक्ष रहीं हैं। अब्दुल सलाम खुद तो चुनाव लड़ ही रहे हैं। उनकी पत्नी जाहिहा सलमा, बेटी अमीरा सलाम व अरीबा सलाम भी मैदान में हैं। इनके अलावा जाहिदा सलाम के भाई जाकिर हुसैन भी चुनावी दंगल में उतर गए हैं। चंद्रपाल सिंह तो दो बार अध्यक्ष रहे हैं। पिछले चुनाव में उनके साथ ही उनकी पत्नी मीरा सिंह भी सदस्य चुनी गईं थीं। हालांकि साल 2016 में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा के लाखन सिंह विजयी रहे थे। लेकिन, 2017 में सूबे में सत्ता परिवर्जन के बाद लाखन सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ गया और वह पद से हटा दिए गए। इसके बाद चंद्रपाल सिंह को अध्यक्ष चुन लिया गया। वह भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री भी हैं, लेकिन उन्हे भाजपा से टिकट नहीं मिला है। इसपर वह आजाद उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव मैदान में डटे हैं। वह खुद वार्ड 26 से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी मीरा सिंह वार्ड 25 व बेटे कुमार सिद्धार्थ वार्ड 24 से चुनाव मैदान में डटे हैं। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद अध्यक्ष के चेयरमैन की भी तैयारी है। इसके लिए दिग्गज नेता दूसरे वार्डों में भी अपने करीबी प्रत्याशियों को समर्थन कर रहे हैं। इन लोगों की मंशा है कि इनके खेमे के ज्यादा से ज्यादा सदस्य चुनाव जीतें, क्योंकि सदस्यों में से ही अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसलिए ये नेता पंचायत चुनाव में पूरे दमखम से जुटे हैं। 

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