Panchayat Election 2021 : डीएम ने भेजी र‍िपोर्ट, आदेश आते ही फाइनल होगा ग्राम पंचायतों और वार्डों का आरक्षण

Panchayat elections in Moradabad ग्राम पंचायतों का आरक्षण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी को ही फाइनल करना है। पंचायत राज निदेशालय लखनऊ ने 1995 से अब तक की आरक्षण की डिटेल मांगी थी। इस ड‍िटेल को भेज द‍िया गया है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 01:36 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 01:36 PM (IST)
Panchayat Election 2021 : डीएम ने भेजी र‍िपोर्ट, आदेश आते ही फाइनल होगा ग्राम पंचायतों और वार्डों का आरक्षण
अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। पंचायत विभाग के कर्मचारियों ने तीन दिन मेहनत करके 25 साल में किस-किस वर्ग के लिए ग्राम पंचायतें, उनके वार्ड, क्षेत्र पंचायत के वार्ड और जिला पंचायत के वार्ड आरक्षित रहे हैं, इनकी डिटेल तैयार की।

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के माध्यम से आरक्षण की पूरी डिटेल पंचायत निदेशालय को भेज दी गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों का आरक्षण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी को ही फाइनल करना है। पंचायत राज निदेशालय, लखनऊ ने 1995 से अब तक की आरक्षण की डिटेल मांगी थी। तीन दिन स्टाफ को लगाकर ग्राम पंचायतें, उनके वार्ड, क्षेत्र पंचायतों के वार्ड और जिला पंचायतों के वार्ड कब-कब किस जाति के लिए आरक्षित रहे हैं, सभी की डिटेल बनवाई। इस डिटेल को जिलाधिकारी के माध्यम से ऑनलाइन पंचायत निदेशालय को भिजवाया गया। इसके अलावा हार्ड कापी में भी यह जानकारी निदेशालय को भेज दी गई है। सरकार से जनसंख्या के आधार पर आरक्षण करने के लिए गाइड लाइन जारी करेगा। शासन का आदेश मिलने पर स्थानीय कमेटी आरक्षण को फाइनल करेगी। शासन से हरी झंडी मिलते ही आरक्षण फाइनल करके सभी ब्लॉकों पर सूचियां चस्पा हो जाएंगी।

आरक्षण का डर सताने लगा

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए तैयारी करने वाले सामान्य जाति के संभावित दावेदारों को अब आरक्षण का डर सताने लगा है। ग्राम पंचायतों और वार्डों के आरक्षण का डाटा फीडिंग होने के बाद शासन को भेजा जा चुका है। ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों के अलावा जिला पंचायत के जिन वार्डों पर सामान्य जाति के दावेदारों की संख्या ज्यादा है। वह अपनी सीट को आरक्षित होने से बचाने के लिए प्रयास करने में जुटे हैं। इसके लिए अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। विकास भवन में रोजाना ही नेता देखे जाते हैं। कुछ लोगों को आश्वासन भी मिल रहा है। अब देखना यह है कि किस हद तक कामयाबी मिलती है।

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