मुरादाबाद के मूंढापांडे में सबसे पहले चालू होगा ऑक्सीजन प्लांट, विदेश से मंगाए जा रहे उपकरण
कोरोना से तीसरी जंग की तैयारी को लेकर प्रशासन गंभीर है। मूंढापांडे डिलारी शरीफनगर (ठाकुरद्वारा) स्वास्थ्य केंदों में प्लांट के लिए फाउंडेशन बनाने का काम शुरू कर हो गया है। लेकिन सबसे पहले 25 जून को मूंढापांडे का आक्सीजन प्लांट चालू होने जा रहा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना से तीसरी जंग की तैयारी को लेकर प्रशासन गंभीर है। मूंढापांडे, डिलारी, शरीफनगर (ठाकुरद्वारा) स्वास्थ्य केंदों में प्लांट के लिए फाउंडेशन बनाने का काम शुरू कर हो गया है। लेकिन, सबसे पहले 25 जून को मूंढापांडे का आक्सीजन प्लांट चालू होने जा रहा है। बाकी दो प्लांट अगले महीने चालू होंगे। कुंदरकी का प्लांट सबसे अंत में चालू होना है। चारों प्लाटों के लिए विदेश से उपकरण मंगाए जा रहे है।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कुछ लोगों को आक्सीजन गैस मिलने में दिक्कत सामने आई थी। इसलिए प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र में आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कार्ययोजना तैयार की थी। मूंढापांडे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टोरेंट गैस कंपनी आक्सीजन प्लांट लगा रही है। इस प्रोजेक्ट में टोरेंट सिर्फ आक्सीजन प्लांट देगा। बाकी काम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को कराना है। यहां प्लांट के लिए सिविल वर्क का काम शुरू हो गया है। प्लांट के लिए फाउंडेशन तैयार हो गया है। 25 जून तक प्लांट को चालू करा दिया जाएगा। इसके बाद उसका रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था प्रशासन के हवाले रहेगी। मुख्य विकास अधिकारी आनंद ने बताया कि मूंढापांडे में आक्सीजन प्लांट इसी महीने चालू होगा। डिलारी और शरीफनगर में आक्सीजन प्लांट लगाए जाने के लिए फाउंडेशन तैयार कराया जा रहा है। अगले महीने तक इन दोनों ही स्थानों के स्वास्थ्य केंद्रों पर प्लांट लगने की उम्मीद है। कुंदरकी सीएचसी में दीवान शुगर मिल, अगवानपुर को आक्सीजन प्लांट लगाना है। मिल प्रबंधन ने जिस कंपनी को प्लांट लगाने की जिम्मेदारी दी है, वह अगस्त तक लगाने की बात कर रही है। उन्होंने बताया कि प्लांट के लिए जनरेटर की व्यवस्था और बिजली के कनेक्शन की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग को करनी है। इस पर करीब बारह लाख रुपये का खर्चा आएगा। इसका प्रस्ताव बनाकर डीजी हेल्थ, लखनऊ को भेज दिया है। वहां से धनराशि मिलते ही प्लांटों में जनरेटर और बिजली कनेक्शन आदि का काम हो जाएगा।
30-30 बेडों को गैस की सप्लाई देगा प्लांट : मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि सीएचसी 30 बेड की होती है। इन आक्सीजन प्लांटों की क्षमता 30 से 35 बेडों को आक्सीजन सप्लाई करने की है। इस तरह चारों प्लाटों से 80 बेडों पर आक्सीजन गैस की सप्लाई दी जा सकती है। विशेष परिस्थिति में इससे अधिक बेडों को भी आक्सीजन गैस की सप्लाई दी जा सकती है।