मुरादाबाद में छह हजार रुपए में बिक रहा आक्सी फ्लो मीटर, जानिए मेडिकल मार्केट में क्या है कालाबाजारी का हाल

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लोगों के शरीर का आक्सीजन स्तर कम हो रहा है। ऐसे में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी चरम पर पहुंच चुकी है लेकिन विभागीय अधिकारियों का दावा है कि सबकुछ कंट्रोल में है। दैनिक जागरण टीम कंजरी सराय की मेडिकल मार्केट पहुंची।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 04:47 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 04:47 PM (IST)
मुरादाबाद में छह हजार रुपए में बिक रहा आक्सी फ्लो मीटर, जानिए मेडिकल मार्केट में क्या है कालाबाजारी का हाल
मुरादाबाद में छह हजार रुपए में बिक रहा आक्सी फ्लो मीटर

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लोगों के शरीर का आक्सीजन स्तर कम हो रहा है। ऐसे में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी चरम पर पहुंच चुकी है लेकिन, विभागीय अधिकारियों का दावा है कि सबकुछ कंट्रोल में है। दैनिक जागरण टीम कंजरी सराय की मेडिकल मार्केट पहुंची। यहां राज सर्जिकल पर आक्सी फ्लो मीटर के बारे में पूछा तो दुकान पर बैठ दो कर्मचारियों में से एक बोला, सात हजार रुपये का है।

1400 रुपये में मिलने वाला सामान सात हजार का सुनकर टीम संवाददाता ने कहा कि बहुत ज्यादा पैसे हैं। पूछना पड़ेगा तब ही ले पाउंगा। बाइक पर जाकर बैठा तो हरे रंग का एप्रन पहने दुकानदार ने आवाज लगाई। क्या चाहिए। बाइक उठकर दुकानदार के पास पहुंचा। आक्सी फ्लो मीटर के बारे में फिर पूछा। तो वो बोले आपके अस्पताल से कर्मचारी आया था। उन्हें हमने मना कर दिया था। दुकानदार ने कहा मेरे पास बोतल वाला एक ही आक्सी फलो मीटर बचा है। छह हजार रुपये का लगेगा। मर्जी हो तो बताओ।

संवाददाता ने कहा भाई किसी की जिंदगी का सवाल है। उनके पास इतन पैसे नहीं है। दुकानदार ने जवाब दिया कि भाई उनके पास जितने पैसे कम हो तो आप अपने पास से डाल दो। ये समाजसेवा आप ही कर लो। दुकानदार को ये बात कहते हुए इतनी भी शर्म नहीं आई कि महज 1400 रुपये में बिकने वाला आइटम छह हजार का बेच रहा है। इसके बाद दूसरे को समाजसेवा की सलाह भी पूरी दरियादिली के साथ दे रहा है। इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रशासनिक स्तर पर दवा और मेडिकल उपकरण के दाम कितने कंट्रोल में हैं।

दवा और मेडिकल उपकरण का स्टॉक प्रतिदिन वाटसअप ग्रुप पर मेनटेन किया जा रहा है। अफवाह ज्यादा फैल रही है। कालाबाजारी वाले हालात नहीं है। दुकानदारों की आपस में प्रतिद्वंदता की वजह से ऐसी बाते सामने आ रही हैं। मुकेश कुमार जैन, औषधि निरीक्षक 

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