मुरादाबाद में बोले विश्व आयुर्वेद परिषद शाखा के पदाधिकारी, आयुर्वेद के बारे में क‍िया जा रहा भ्रामक प्रचार

विश्व आयुर्वेद परिषद शाखा के पदाधिकारियों ने अपने हक के ल‍िए आवाज उठाई। कहा कि आईएमए द्वारा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। आयुर्वेद में मॉडर्न चिकित्सा पढ़ाई जाती है। मांग की गई कि भ्रामक प्रचार बंद कराया जाए।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 02:30 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 02:30 PM (IST)
मुरादाबाद में बोले विश्व आयुर्वेद परिषद शाखा के पदाधिकारी, आयुर्वेद के बारे में क‍िया जा रहा भ्रामक प्रचार
मांग की गई कि भ्रामक प्रचार बंद कराया जाए।

मुरादाबाद, जेएनएन। विश्व आयुर्वेद परिषद शाखा के पदाधिकारियों ने अपने हक के ल‍िए आवाज उठाई। कहा कि आईएमए द्वारा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। आयुर्वेद में मॉडर्न चिकित्सा पढ़ाई जाती है। मांग की गई कि भ्रामक प्रचार बंद कराया जाए। 

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया की आयुर्वेदिक पाठ्यक्रम में मॉडर्न चिकित्सा एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा का अध्ययन कराया जाता है। उसी अध्ययन के बाद चिकित्सक संवैधानिक रूप से अपनी चिकित्सा व्यवसाय करता है। जबकि एलोपैथ चिकित्सक किसी भी प्रकार का आयुर्वेदिक पाठ्यक्रम पढ़ कर नहीं आते हैं। वह आयुर्वेद चिकित्सा नहीं कर सकते, फिर भी वह डेंगू, लिवर, पथरी के अलावा अन्य बीमारियों में भी वह आयुर्वेद दवाइयां चिकित्सा व्यवसाय में इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेद चिकित्सक दोनों पैथी पढ़कर आते हैं और संवैधानिक तरीके से अपना व्यवसाय करते हैं। उनके लिए मिक्सोपैथी शब्द इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार का भी आभार जताया। आजादी के बाद इस सरकार ने आयुर्वेद को सही रूप से प्रदर्शित किया। प्रदेश एवं मुरादाबाद संरक्षक डॉ. हरिदत्त शर्मा, शाखा अध्यक्ष डॉ. मयंक शर्मा, सचिव डॉ. प्रियंकर, डॉ. सत्यवीर राजपूत, डॉ. एसबी सक्सेना, डॉ. गौरव चौधरी, डॉ. एसके सक्सेना, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. राघव शर्मा आदि मौजूद रहे।

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