कोहरे में न हो रेल दुर्घटना इसके लिए रेलवे ने निकाला नया तरिका
रेलवे के अनुसार 15 दिसंबर से कोहरा शुरू हो जाएगा। कोहरा शुरू होने के बाद चालक स्टेशन मास्टर और गेट मैन शॉटकट रास्ता अपनाना शुरू कर देते हैं। चालक सिग्नल देखने के बजाय वाॅकी-टाॅकी से सिग्नल के बारे में जानकारी करके ट्रेन चलाते हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। उत्तर रेलवे मुख्यालय ने कोहरे में सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए सभी अफसरों को गाइड लाइन जारी कर दी है। ट्रेनों काे दुर्घटना से बचाने के लिए रेलवे अधिकारियों को रात में इंजन से सफर करना अनिवार्य कर दिया गया है। अधिकारी चालक, गेट मैन, स्टेशन मास्टर और पेट्रोलिंग टीम की कार्य प्रणाली को देखेंगे। जहां कोई गलती सामने आए, उसमें सुधार कराने की व्यवस्था करेंगे।
रेलवे के अनुसार, 15 दिसंबर से कोहरा शुरू हो जाएगा। कोहरा शुरू होने के बाद चालक, स्टेशन मास्टर और गेट मैन शॉटकट रास्ता अपनाना शुरू कर देते हैं। चालक सिग्नल देखने के बजाय वाॅकी-टाॅकी से सिग्नल के बारे में जानकारी करके ट्रेन चलाते हैं। जिससे ट्रेन दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है। स्टेशन मास्टर गुजरने वाली ट्रेन को सिग्नल दिखाने का काम नहीं करते हैं। कड़ाके की ठंड में रेललाइन की पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारी एक साथ बैठ जाते हैं। जिससे रेललाइन चटकने की जानकारी नहीं मिल पाती है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल से सभी डीआरएम को आदेश दिया है कि कोहरा शुरू होते ही सभी अधिकारियों को इंजन पर भेजना शुरू कर दें। इसके लिए अभी अधिकारियों की ड्यूटी लगाए। इसी तरह से मुख्यालय में तैनात अधिकारियों की इंजन पर सफर करने की ड्यूटी लगाई जाए। संरक्षा विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया है कि स्टेशनों व गैंग हट का निरीक्षण करना शुरू कर दें और सुरक्षित ट्रेन संचालन के नियम की जानकारी दें। मुख्य जनसंर्पक अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि महाप्रबंधक के आदेश पर मंडल से लेकर मुख्यालय स्तर के अधिकारियों की कोहरे में इंजन पर सवार होकर निरीक्षण करने की ड्यूटी लगा दी गई है।