यूपी ही नहीं कई प्रदेशों में फैला है मास्टर माइंड सचिन का नेटवर्क, जानिए क्या है पूरा मामला Moradabad news
सीटेट में सेंध लगाने वाले मास्टर माइंड सचिन राणा का नेटवर्क केवल यूपी के साथ कई अन्य प्रदेशाेंं में भी है। पुलिस ने इसका खुलासा किया है।
मुरादाबाद । सीटेट में सेंध लगाने वाले मास्टर माइंड सचिन राणा ने कई प्रदेशों में अपना नेटवर्क बिछा रखा है। यूपी के अलावा उत्तराखंड और बिहार में उसके नेटवर्क की पुष्टि हो चुकी है। दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।डी-30 कांशीराम नगर, मझोला में रहने वाला सचिन राणा बेहद शातिर है। बिहार से कोचिंग के लिए कानपुर आने वाले बेरोजगार युवक बतौर सॉल्वर उसे सस्ते में मिल जाते हैैं। इसलिए कानपुर के कई कोचिंग सेंटर में उसने मजबूत पकड़ बना रखी है। वह कई-कई दिन कानपुर रुकता है। सॉल्वरों को घुमाने ले जाता है। लालच देकर देशभर में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में उन्हें दूसरों के स्थान पर बैठने के लिए तैयार करता है।
पूछताछ में हुआ खुलासा
एक दिसंबर को उत्तराखंड सरकार ने जूनियर सहायक गु्रप डी की परीक्षा कराई। उसमें भी सचिन गिरोह ने सॉल्वर बैठाए। थाना सिविल लाइंस पुलिस की पूछताछ में जेल गए चंदन आनंद निवासी मौहमदपुर, थाना नालंदा (बिहार) ने यह खुलासा किया। बताया उसने काशीपुर में दूसरे के स्थान पर गु्रप डी की परीक्षा दी। परीक्षा में शामिल करने के लिए नाजिम ने उसे बुलाया था। इसके लिए उसने 15 हजार रुपये एडवांस में दिए थे। सचिन, नाजिम और दानिश काफी समय से उसके संपर्क में थे। उसके कई और साथी सचिन गिरोह के संपर्क में है।
पिछली बार उसने विपिन, निवासी डबुआपुर, जालौन आदि के साथ मिलकर सॉल्वर बुलाए थे लेकिन, एसटीएफ के हाथ चढ़ गया था। इस बार उसने नाजिम और दानिश को गिरोह में शामिल कर सॉल्वर बुलाए। वह खुद किसी तरह एसटीएफ को चकमा देकर निकल गया लेकिन, उसके दस साथी पकड़ में आ गए।
वाट्सएप कॉल करता था सचिन
-पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि सचिन और उसके साथी सॉल्वरों से वाट्सएप कॉल करके बात करते थे। सॉल्वर कभी-कभार उसे सीधे फोन कर लेते थे। यही वजह रही कि सचिन एसटीएफ के जाल में फंस गया। सचिन ने पुलिस और एसटीएफ से बचने के लिए तमाम इंतजाम कर रखे थे। वह कई बार बात करने के लिए नाजिम को ही भेजता था। उसी से सॉल्वर को रकम दिलाता था ताकि सीधे लोग उसे पहचान ही नहीं पाएं।
एसटीएफ की निगरानी में होगी पीसीएस और यूपी टेट परीक्षाएं
-प्रदेश में 15 दिसंबर को पीसीएस प्री की जबकि 22 दिसंबर को यूपी टेट की परीक्षा होनी है। इन परीक्षाओं में सॉल्वर न बैठ पाए। इसके लिए एसटीएफ ने निगरानी करनी शुरू कर दी है। सॉल्वर गिरोह से जुड़े लोगों पर निगाह रखी जा रही है। होटल और धर्मशालाओं में ऑनलाइन कमरे बुक कराने वालों के बारे में पुलिस पता करा रही है।
राजकुमार की शिक्षक बनने की तमन्ना खत्म
अमरोहा के थाना हसनपुर क्षेत्र के हाकमपुर गांव का राजकुमार शिक्षामित्र है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शित्रामित्रों का मूल पद पर वापस कर दिया था। साथ ही उन्हें टीईटी पास करने के लिए दो चांस दिए गए थे। इसलिए वह किसी भी हाल मेें टीईटी पास करने मेें लगा था। 2018 में वह यूपीटेट के दौरान पकड़े जाने पर जेल गया था। अब उसने 50 हजार रुपये एडवांस देकर सीटेट में सॉल्वर को बैठा दिया। किस्मत ने फिर साथ नहीं दिया और वह सलाखों के पीछे पहुंच गया।
सीटेट में पकड़े बिहार के छह सॉल्वरों समेत दस को जेल
सीटेट में पकड़े गए बिहार के छह सॉल्वरों समेत दस लोगों को पुलिस ने सोमवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भिजवा दिया।रविवार को एसटीएफ बरेली की टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार यादव कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह के साथ हिंंदू कालेज में छापा मारकर सॉल्वर सुशांत सहगल निवासी ग्राम पून्हा, थाना रहोई, जनपद नालंदा, बिहार को राजकुमार के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा था। इसी कॉलेज में इंद्रपाल के स्थान पर विक्की कुमार निवासी रामकिशन, निवासी मकान नंबर 39 कंकड़बाग, थाना रामकृष्ण नगर, पटना, बिहार पकड़ा गया था। थाना सिविल लाइन क्षेत्र में आशियाना स्थित आरआरके स्कूल से एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस की मदद से अनुज के स्थान पर मुकेश पंडित निवासी जानपुर, थाना भदौर, पटना, बिहार पकड़ा गया था। मैथोडिस्ट इंटर कॉलेज से अशोक के स्थान पर चंदन आनंद निवासी मोहमदपुर, थाना नालंदा, बिहार गिरफ्तार हुआ था। थाना पाकबड़ा क्षेत्र स्थित वेदराम इंटर कॉलेज में सुभांश के स्थान पर राजमणि निवासी पैन, थाना सिकपुरा (बिहार) पकड़ मेें आया था। थाना कटघर के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल, गुलाबबाड़ी से दिनेश के स्थान पर परीक्षा देते चंदन कुमार निवासी वाड, जनपद पटना, बिहार को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने बताया कि सचिन राणा के गिरोह में शामिल मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा के सुंदरनगर निवासी नाजिम, दानिश, विपिन कुमार निवासी कोट पश्चिमी, कोतवाली हसनपुर, अमरोहा, राजकुमार कश्यप पुत्र ओमप्रकाश हाकमपुर, थाना हसनपुर, अमरोहा को हिंंदू कालेज कॉलेज के बाहर से गिरफ्तार किया था। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि सोमवार को चारों थानों की पुलिस ने सॉल्वरों समेत सभी दस लोगों को न्याय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। गिरोह के सरगना सचिन और उसके साथियों की तलाश की जा रही है। उसकी तलाश में कई जगह छापेमारी की गई है।
सॉल्वरों की कुंडली तैयार कर रही एसटीएफ
एसटीएफ रविवार को सी-टेट पकड़े गए सॉल्वरों का डोजियर बना रही है। सब के बारे में यह पता लगाया जा रहा है कि उनके परिवार में कितने सदस्य हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति क्या है इस धंधे में आने के पीछे क्या वजह रही है।