संसद से सड़क तक खूब गूंजी आवाज, धरातल पर नहीं दिखा विकास

सत्रहवीं लोक सभा के कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया। इस दौरान सांसदों के प्रयास क्या रंग लाए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 02:58 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 02:58 AM (IST)
संसद से सड़क तक खूब गूंजी आवाज, धरातल पर नहीं दिखा विकास
संसद से सड़क तक खूब गूंजी आवाज, धरातल पर नहीं दिखा विकास

मुरादाबाद : सत्रहवीं लोक सभा के कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया। इस दौरान सांसदों के प्रयास और काम जमीन पर उतरे हैं। चुनावी मंच और जनसंपर्क के दौरान किए गए वादों के पूरा होने की मियाद का पांचवें हिस्से का समय गुजर गया, विकास की आस में लोग अभी टकटकी लगाए हैं।

सत्रहवें लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद से सांसद चुने गए डॉ. एसटी हसन के कार्यकाल और उनके प्रयासों की बात की जाए तो उसमें दावे भी हैं और जमीनी हकीकत भी। डॉ. एसटी हसन ने मुरादाबाद के पीतल कारोबार-निर्यात, सीएए, ढेला नदी पर पुल सहित कई स्थानीय मुद्दों को संसद में प्रमुखता से उठाया।

लेकिन साल भर के कार्यकाल में उनके विकास और जन पक्षधर मसलों पर मेहनत और उसके असर का कैनवास धुंधला है। सत्ता पक्ष के लोग उनके कार्य पर सुस्ती के आरोप रखते हैं। भाजपा का मानना है कि कोई ऐसा काम नहीं कराया, जिसकी उम्मीद जनता को थी। चुनाव में साथ रही बसपा उनकी कार्य प्रणाली पर ही सवाल उठा रही है।

यह बोले सांसद

सांसद डॉ. एसटी हसन ने बताया कि हमने चुनावी वायदों को केंद्रित करते हुए काम किया है। फंड का आधा धन यानी कि 2.5 करोड़ रुपये ही अभी मिला है। फंड के कार्य साठ फीसद पूरे हो गए हैं। मैंने कार्यपूर्ति के पत्र भारत सरकार को भेज दिये हैं। उम्मीद है कि फंड की बाकी धनराशि मुझे मिल जाएगी।

गठबंधन का फैसला हमारा नहीं

बसपा सेक्टर प्रभारी डॉ. रणविजय सिंह ने बताया कि गठबंधन का फैसला नेतृत्व ने लिया था। सभी ने प्रयास किया। सपा के सांसद चुने गए। नौ माह का समय मिला है लेकिन, कोई बड़ा काम नहीं दिख रहा है। उनकी प्राथमिकता वही जानें।

पूर्व सांसद सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि मेरे कार्यकाल में स्वीकृत हुई सड़कों का ही निर्माण दिख रहा है। 20 फरवरी को मुरादाबाद में 1,129 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ था। अभी कोई नया काम नहीं दिख रहा है।

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